
चकराता। बाल विकास परियोजना चकराता के अंतर्गत सेक्टर-1 केंद्र में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं को मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना और विवाह पंजीकरण से संबंधित प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुपरवाइजर फिरदौस ने की।
इस अवसर पर सुपरवाइजर फिरदौस ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’ चला रही है। इस योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाता है। यदि कोई महिला स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाहती है, तो दो लाख रुपये की लागत पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान उपलब्ध होगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ वे महिलाएं ले सकती हैं जो एकल, निराश्रित, अविवाहित, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, किन्नर, अपराध या एसिड हमले की पीड़िता हैं, और जो परिवार पर निर्भर नहीं हैं। इसके अतिरिक्त, वे महिलाएं भी योजना में शामिल हो सकती हैं जो अपने अविवाहित बच्चों या पुत्रियों का पालन-पोषण अकेले कर रही हैं और आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
योजना के अंतर्गत कृषि, बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन, फल प्रसंस्करण, ब्यूटी पार्लर, बुटीक, सिलाई, रिपेयरिंग, जनरल सर्विस, कैंटीन, कैटरिंग, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, डाटा एंट्री, कंप्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग, टेली कॉलिंग, हिंदी कॉल सेंटर सहित अन्य निजी व्यवसायों को स्वरोजगार के रूप में चुना जा सकता है।
बैठक में विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया। बताया गया कि 26 मार्च 2010 के बाद होने वाले विवाहों का पंजीकरण अनिवार्य है। इसके लिए दंपती के आधार कार्ड, दो गवाह, पता प्रमाण पत्र और युगल की संयुक्त फोटो जैसे आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करना जरूरी है। कार्यक्रम में सुपरवाइजर फिरदौस के अलावा सुशीला राणा, सविता देवी व अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं।