
Chaitra Navratri 2025: मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को नवदुर्गा कहा जाता है. हिंदू धर्म में मां के ये सभी स्वरूप विशेष महत्व रखते हैं. वहीं, चैत्र नवरात्रि के दौरान हर दिन अलग-अलग देवी की पूजा करने का विधान है. क्या आप जानते हैं कि ये नौ स्वरूप मां दुर्गा के विभिन्न रूपों को दर्शाते हैं और हर एक रूप की अपनी विशेष ताकत होती है. चलिए जानते हैं मां के रूपों की अपार शक्ति के बारे में.
शैलपुत्री
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं. यह रूप शारीरिक और मानसिक शक्ति का प्रतीक है. मां शैलपुत्री व्यक्ति को आंतरिक बल, साहस और आत्मविश्वास प्रदान करती हैं.
ब्राह्मचारिणी
ब्राह्मचारिणी रूप में मां दुर्गा तपस्विनी और साधिका के रूप में पूजी जाती हैं. मां दुर्गा के दूसरे रूप को संयम, तपस्या और ब्रह्मचर्य का प्रतीक माना जाता है. देवी ब्राह्मचारिणी की ताकत आत्मसंयम और आत्म-अनुशासन है.
चन्द्रघंटा
मां चन्द्रघंटा का रूप शांत और सौम्य होता है. उनके माथे पर चंद्रमा का घंटा है. मां का यह शांति, समृद्धि और भूत-प्रेत से सुरक्षा से जुड़ा है. जिन भक्तों पर मां चन्द्रघंटा का आर्शीवाद होता है, वह मानसिक शांति और भय से दूर रहते हैं.
कुष्मांडा
कुष्मांडा रूप में मां दुर्गा ब्रह्मांड की सृष्टि करने वाली हैं. यह रूप सृजन, जीवन के उत्थान और निरंतरता का प्रतीक है. मां कुष्मांडा व्यक्ति को ऊर्जा, समृद्धि और विकास की दिशा में प्रेरित करती हैं.
स्कन्दमाता
स्कन्दमाता मां दुर्गा का वह रूप है, जिसमें वे भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) को अपनी गोदी में बैठे हुए दिखती हैं. स्कन्दमाता मातृत्व, स्नेह और शांति के लिए पूजी जाती हैं. माना जाता है कि स्कन्दमाता की पूजा करने से वह पुत्रों के दुख हर सुख और समृद्धि देती हैं.
कात्यायनी
मां दुर्गा के छठे रूप में कात्यायनी की पूजा करने का रिवाज है. मां कात्यायनी शूरवीर और युद्ध करती हुई देवी का रूप है, जिन्हें युद्ध, साहस और रक्षात्मक शक्ति का प्रतीक है. मां कात्यायनी की ताकत व्यक्ति को निडर और वीर बनाने में मदद करती है.
कालरात्रि
कालरात्रि को मां दुर्गा का सबसे भयानक और शक्तिशाली रूप माना जाता है, जिसमें वे अपने शत्रुओं को नष्ट करने के लिए आती हैं. यह रूप विनाश, संहार और बुरी शक्तियों से रक्षा का प्रतीक है. मां कालरात्रि अंधकार और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं.
महागौरी
नवरात्रि के आंठवे दिन महागौरी की विधि-विधान से पूजा होती है. महागौरी का रूप सौम्य और शांति देने वाला है. मां के वस्त्र सफेद होते हैं. यह रूप पवित्रता, शुद्धता और कृपा का प्रतीक है. मान्यता है कि महागौरी की ताकत से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है.
सिद्धिदात्री
सिद्धिदात्री मां दुर्गा का अंतिम और सर्वश्रेष्ठ रूप है, जो सभी सिद्धियों और आशीर्वादों की दायिनी हैं. यह रूप ज्ञान, सिद्धि और भक्ति का प्रतीक है. माx सिद्धिदात्री व्यक्तियों को आशीर्वाद और दिव्य शक्तियां प्रदान करती हैं.