
देहरादून : उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं से हुई क्षति का आकलन करने के लिए एक अंतर मंत्रालय की केंद्रीय टीम आपदा प्रभावित क्षेत्रों की ओर सोमवार को रवाना हुई। यह टीम उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर व नैनीताल का भ्रमण कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर. प्रसना के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम में अनु सचिव शेर बहादुर, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, उप निदेशक विकास सचान, मुख्य अभियंता पंकज सिंह और निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह शामिल हैं। अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम आज विभिन्न जनपदों में आपदा से हुई क्षति का आकलन व जायजा लेने के लिए देहरादून से प्रस्थान कर गई है। इससे पहले सुबह राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने एक बैठक के दौरान टीम को आपदा से हुई क्षति के बारे में एक प्रस्तुति दी। सचिव सुमन ने टीम को बताया कि इस वर्ष अभी तक 574 मिमी बारिश हुई है, जो पिछले कुछ वर्षों में सर्वाधिक है। बारिश अधिक होने के कारण नुकसान भी ज्यादा हुआ है। मानसून के दौरान हुई क्षति की प्रतिपूर्ति व भविष्य में अवस्थापना संरचनाओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने करने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के पुनर्निर्माण व पुनर्प्राप्ति में 1944.15 करोड़ के साथ-साथ परिसम्पत्तियों को बचाने व अनेक ऐसी परिसम्पत्तियां, मार्ग, आबादी वाले क्षेत्र तथा अन्य अवस्थापना संरचानाओं को जो आपदा से क्षतिग्रस्त होने की कगार पर हैं, को स्थिर करने के लिये 3758.00 करोड़ की सहायता का अनुरोध किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा के कारण जिन लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है, उनके लिए भी केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।