
अजमेर : अजमेर की विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। सिविल न्यायाधीश कनिष्ठ खंड एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग (अजमेर पश्चिम) मनमोहन चंदेल ने दरगाह नाजिम को आदेश जारी करते हुए कहा है कि परिसर के हर संभावित हिस्से में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। अदालत ने साफ चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति या समूह इसका विरोध करता है, तो कलेक्टर और एसपी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।
दरअसल, दरगाह के आस्ताना में खिदमत की बारी को लेकर हुए विवाद में अदालत ने नाजिम से सीसीटीवी फुटेज मांगा था। नाजिम ने बताया कि उस हिस्से में कैमरे नहीं लगे हैं, इसलिए फुटेज उपलब्ध नहीं है। अदालत ने इस तथ्य को गंभीर मानते हुए दरगाह में तत्काल कैमरे लगाने के निर्देश दिए। साथ ही नाजिम को यह विकल्प भी दिया गया कि यदि वे कैमरे दरगाह कमेटी के खर्च पर लगाना चाहें, तो पांच दिन के भीतर कलेक्टर और एसपी को लिखित अनुरोध भेजकर सहयोग मांग सकते हैं।
अदालत ने स्पष्ट किया कि दरगाह परिसर में कैमरे लगाने का विरोध स्वार्थवश किया जाता है, जबकि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए सीसीटीवी जरूरी हैं। अदालत ने यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य विवादों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
गौरतलब है कि फिलहाल दरगाह परिसर के करीब 75 प्रतिशत हिस्से में 57 कैमरे लगे हुए हैं, जबकि आस्ताना और शेष 25 प्रतिशत क्षेत्र कैमरों की कवरेज से बाहर हैं। पहले केंद्र सरकार ने सुरक्षा कारणों से आस्ताना में कैमरे लगाने की कोशिश की थी, लेकिन विरोध के चलते यह योजना रुक गई थी। अब अदालत के आदेश के बाद आस्ताना समेत पूरे परिसर में सीसीटीवी लगाने की कवायद तेज हो गई है। केंद्र सरकार भी आगामी 814वें उर्स से पहले सुरक्षा इंतजाम मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।










