[ शराब की दुकान पर शराब खरीदते हुए पेंटिकार का गिरोह ]
महाराजगंज। जिले के सिसवा रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार शाम को सप्तक्रांति एक्सप्रेस (12557) निर्धारित समय से 35 मिनट पहले पहुंच गई। इसी दौरान से कुछ पेंटिकार जो ट्रेन के रुकते ही स्टेशन से बाहर तेजी से बढ़े।
कैमरे में कैद हुआ अवैध शराब खरीदते हुए पेंटिकार –
वीडियो में साफ दिख रहा है कि कुछ पेंटिकर (अधिकृत सामान लोडिंग कर्मचारी) जो ट्रेन रुकते ही स्टेशन से बाहर पेंटिकार द्वारा बाहर निकल कर स्थानीय शराब भटटी पर पहुच कर शराब खरीदते दिखे गए जो कैमरे में पूरा कैद हुआ। यह शराब आन्नदबिहार ले जाने के फिराक में दिखे जो कि यह अवैध है।
कैसे होती है यह अवैध तस्करी ?
[शराब लेकर निकलता पेंटिकार ]
सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह पहले से ही ट्रेन में सक्रिय रहता है। और ट्रेन के समय से पहले पहुंचने पर जीआरपी पुलिस की लापरवाही का फायदा उठाकर शराब ट्रेन में ले जाता है। जैसे ही ट्रेन आती है, कुछ पेंटिकर तेजी से ट्रेन से उतर कर शराब की खेप अंदर रख देते हैं।
कैमरे में कैद होंने के बाद पेंटिकार द्वारा मैनेजर को सूचना देते हुए हुआ रिकार्ड –
जब स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही पेंटिकार द्वारा ट्रेन से बाहर निकलते हुए स्थानीय bhhhati पर शराब लेते हुए एक झुंड कैमरे में कैद होता तो वहां से निकलते हुए स्टेशन पर अपने मैनेजर को सूचना देते हुए यह कहता कि किसी ने वीडियो बनाया है। जब उससे पूछा गया तो वह इस बात से इनकार कर दिया जो कैमरे में कैद हुए है।
रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की लापरवाही –
इस मामले में रेलवे प्रशासन के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लेकिन रिकॉर्ड किए गए वीडियो ने पूरे मामले की पोल खोल दी है। जब की जानकारी के अनुसार राजकीय रेलवे पुलिस इसी गाडी में स्कॉट करती है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि इस पूरे प्रकरण में जिम्मेदार कौन…
क्या कहते रेलवे जीआरपी –
जब इस संदर्भ में जीआरपी गोरखपुर थाने के एसएचओ विजय प्रताप सिंह से बात पर उन्होंने बताया कि सप्तक्रांति ट्रेन में जीआरपी से कुछ लेना देना नही है
निष्कर्ष…..
यह घटना रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो इस अवैध धंधे को और बढ़ावा मिलेगा। जब कि यह पहले से चलता नज़र आ रहा है।