आतंकियों के साथ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरिफ के रिश्ते..जैश-ए-मोहम्मद की महिला कमांडर डॉ. शाहीन के साथ होती थी चैटिंग….

  • दिल्ली धमाके में सुसाइड बाम्बर डॉ. उमर भी कभी सहपाठी था
  • आरिफ का लैपटॉप व मोबाइल फोन जब्त, दफन हैं तमाम राज
  • धमाके के आरोपियों को सामने बैठा किये जाएंगे तमाम सवालात
  • कार्डियोलाजी में फिलवक्त मौजूद हैं कश्मीर के सात मेडिकल छात्र

कानपुर। आतंकियों के सफेदपोश माड्यूल में रोजाना नए-नए नाम जुड़ रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के हत्थे चढ़े कानपुर कार्डियोलॉजी में अध्यनरत डॉ. मोहम्मद आऱिफ का जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की कमांडर डॉ. शाहीन के साथ नजदीकी रिश्ता था। रोजाना दोनों के दरमियान, लंबी चैटिंग होती थी। इसके साथ ही दिल्ली में लाल किला के करीब कार बम विस्फोट करने वाला सुसाइड बाम्बर डॉ. उमर भी किसी वक्त डॉ. आरिफ का सहपाठी था। आरिफ जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का निवासी है। प्रारंभिक जांच के मुताबिक, डॉ. आरिफ का संपर्क डॉ. शाहीन के साथ उसके भाई परवेज से था, जो फिलहाल आतंकवाद से जुड़े मामले में जांच के घेरे में हैं। एटीएस को शक है कि आरिफ भी किसी न किसी रूप में देशविरोधी हरकतों का हिस्सा हो सकता है। जांच एजेंसियों को आरिफ के लैपटॉप और मोबाइल फोन से संदिग्ध डेटा मिला है। फिलहाल एटीएस पूछताछ के लिए आरिफ को लेकर दिल्ली गई है, जहां दिल्ली ब्लास्ट में पकड़े गए आरोपियों के आमने-सामने बैठाकर सवाल-जवाब किए जाएंगे।

शाहीन के नेटवर्क का हिस्सा है डॉ. आरिफ
गौरतलब है कि, लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदयरोग संस्थान (कानपुर कार्डियोलॉजी) में बतौर कार्डियोलॉजिस्ट तैनात डीएम की पढ़ाई करने वाले डॉ. मोहम्मद आरिफ को बुधवार की सुबह एटीएस ने अशोकनगर स्थित किराये के घर से हिरासत में लिया गया है। जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली धमाके में गिरफ्तार जैश-ए-कमांडर और कानपुर मेडिकल कालेज की पूर्व लेक्चरर डाक्टर शाहीन के नेटवर्क में डाक्टर आरिफ लंबे समय से जुड़ा था और राष्ट्र-विरोधी हरकतों में शामिल था। आरिफ की हिरासत के बाद उम्मीद है कि, कानपुर तथा आसपास के शहरों में डॉ. शाहीन के नेटवर्क में तमाम दूसरे सफेदपोश भी शामिल होंगे। कयास है कि, शाहीन के आतंकी ग्रुप में समुदाय विशेष के कुछेक अन्य डाक्टर्स भी शामिल होंगे। दिल्ली धमाके की जांच से जुड़ी एजेंसियों ने मंगलवार को संकेत दिए थे कि कानपुर में डाक्टर शाहीन का नेटवर्क मौजूद है। गौरतलब है कि, वर्ष 2006 से वर्ष 2013 तक मेडिकल कालेज में तैनाती के दौरान शाहीन ने नई सड़क, पेंचबाज, यतीमखाना, दादा मियां, बेकनगंज, चमनगंज में अपना मजबूत नेटवर्क खड़ा किया था। यह भी मालूम हुआ है कि, फिलवक्त कार्डियोलाजी में जम्मू-कश्मीर निवासी छात्र मेडिकल छात्र मौजूद हैं, जोकि डीएम कर रहे हैं। संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने सभी छात्रों का दोबारा वेरीफिकेशन कराने का दावा किया है।

दोपहर की शिफ्ट के बाद घर लौटा था आरिफ
कार्डियोलाजी सूत्रों के अनुसार डाक्टर आरिफ ने बुधवार को इमरजेंसी में काम किया था। दोपहर की शिफ्ट में काम करने के बाद शाम चार बजे के बाद कार्डियोलाजी से बाहर निकला था। वह अशोक नगर में फातिमा स्कूल के बगल में स्थित अपार्टमेंट में फ्लैट में किराये पर रहता था। बुधवार को फ्लैट में पहुंचते ही एटीएस के हत्थे चढ़ गया। आरिफ के साथ काम करने वाले डाक्टरों को भी विश्वास नहीं है कि, शांत स्वभाव का आऱिफ देश के साथ गद्दारी करेगा। आऱिफ के लेकर जानकारी सामने आई है कि, वह किसी वक्त दिल्ली बम धमाके में सुसाइड बाम्बर आतंकी डॉ. उमर का सहपाठी था। दोनों ने एक साथ एमबीबीएस किया है। जानकारी है कि एजेंसियों के पास करीब 15 कश्मीरी लोगों के नाम बतौर संदिग्ध पहुंचे हैं। आरिफ के मकान मालिक ईंद भट्ठा संचालक कन्हैयालाल ने बताया कि अपार्टमेंट में छह फ्लैट हैं। दो में उनका परिवार रहता है, जबकि चार किराये पर उठाए हैं। तीन महीने पहले कार्डियोलाजी के डॉ. अभिषेक को एक फ्लैट 27 हजार रुपए महीना किराये पर दिया था। एक महीने पहले अभिषेक ही आरिफ को अपने साथ लेकर आए व बताया कि अब वह भी उनके साथ रहेंगे। डॉक्टर अभिषेक ने बताया कि अलीगढ़ के डॉक्टर यासिर के कहने पर रूम दिलाया था। डॉ. अभिषेक ने कहा कि साथ रहने के दौरान उसकी कोई भी ऐसी गतिविधि नहीं थी जिससे उसके ऊपर कभी शक जाता। बोलचाल में ठीक-ठाक और ज्यादातर समय अपने कमरे में पढ़ाई करता था।

डॉ. आरिफ किसी से कोई बातचीत और दुआ-सलाम नहीं करते थे। सुबह 10:00 बजे ओला बाइक से कार्डियोलॉजी जाता था और देर शाम लौटने के बाद फ्लैट में कैद रहता था। गुरुवार को हृदय रोग संस्थान में निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि मोहम्मद आरिफ मीर सुपर स्पेशलिटी नीट परीक्षा में 1608 रैंक लाया था। पहली काउंसलिंग में लखनऊ के एसजीपीजीआई नहीं मिलने के बाद लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में डीएम के लिए एडमिशन लिया। वर्ष 2017 में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद वहीं से मोहम्मद आरिफ मीर ने एमडी का कोर्स किया था।

मेडिकल नेटवर्क पर भी एजेंसियों की निगाहें
चर्चा है कि, दो-तीन रेजीडेंट डॉक्टरों को भी पूछताछ के लिए उठाया गया। कुछ को बाद में छोड़ दिया गया। घटनाक्रम के बाद डॉक्टरों में दहशत और चर्चा का माहौल है। फिलहाल, जांच एजेंसियां किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची हैं, लेकिन कानपुर से लेकर दिल्ली तक सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें अब मेडिकल नेटवर्क पर भी टिकी हुई हैं। फिलहाल, एनआईए और एटीएस की टीमें शहर में कश्मीरी मूल के छात्रों की जानकारी जुटा रही हैं। एचबीटीयू में 48 छात्रों के होने की सूचना है। कार्डियोलॉजी के संस्थान निदेशक डॉक्टर राकेश वर्मा ने कहा कि हृदय रोग संस्थान में जम्मू कश्मीर जम्मू कश्मीर से जुड़े तथा कार्डियोलॉजी में आने वाले हर डॉक्टर की जांच होगी। जांच में एलआईयू का सहयोग भी लिया जाएगा।

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