नई दिल्ली । वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से निपटने के उपायों को और मजबूत करने के लिए ग्रेडेड रिस्पोंस एक्शन प्लान (ग्रैप) दो और ग्रैप तीन की पाबंदियों में संशोधन किया है।
शनिवार को आयोग ने इन निर्देशों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया। इसके मुताबिक ग्रैप तीन की कुछ पाबंदियों को ग्रैप दो में शामिल किया गया है। इनमें सड़कों की मशीनीकृत सफाई की आवृत्ति को और तेज करना,
“सड़कों पर दैनिक पानी का छिड़काव सुनिश्चित करना, लैंडफिल में एकत्रित धूल का उचित निपटान सुनिश्चित करना, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को मजबूत करना और फेरे को बढ़ाना और तेज करना, ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल को छोड़कर एनसीआर राज्यों से अंतर-राज्यीय बसों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति न देना शामिल है।
इसके अलावा डीजल जेनरेटर सेटों से उत्सर्जन नियंत्रण के लिए नियमों को भी संशोधित किया गया है। इसके तहत अब 41 किलोवाट क्षमता तक के डीजी सेटों के लिए अब प्रमाणित ईसीडी की उपलब्धता होगी। पहले केवल 62 किलोवाट क्षमता और उससे अधिक को ही यह सुविधा थी। उप-समिति ने ग्रैप चरण दो के नियमों में संशोधन करते हुए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को निर्देश दिए हैं कि वे सर्दियों के दौरान खुले बायोमास, एमएसडब्ल्यू जलाने से बचाने के लिए सुरक्षा, स्वच्छता, बागवानी और अन्य विविध सेवाओं में लगे कर्मचारियों को आवश्यक रूप से इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराएं। नियमों में यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। इस संबंध में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सभी संबंधित राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश भेज दिए हैं। इसके साथ आयोग ने ग्रैप तीन की पांबदियों में भी संशोधन करते हुए स्कूलों को हाईब्रिड मोड में चलाना, दफ्तर के समय में थोड़ा बदलाव करने के नियम को शामिल किया है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 05 दिसंबर को दिए अपने निर्देश में आयोग को कुछ अतिरिक्त उपाय करने को कहा था, जिसमें वर्तमान में ग्रैप के चरण-III के अंतर्गत पाबंदियों को ग्रैप चरण-II के अंतर्गत शामिल करने पर विचार करने को कहा था।