
रोहतक : इसे प्रदूषण का असर कहे या मोबाइल टॉवर का रेडिएशन। कारण चाहे जो भी हो, मगर हमें अलसुबह अपनी चहचहाहट से उठाने वाली नन्ही सी चिड़िया अब दिखाई नहीं दे रही है। इन्हें बचाने व संरक्षण देने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास की जरूरत है। जाट कॉलेज के पूर्व छात्र एवं रक्तदाता अजय हुड्डा और उनकी टीम कुछ इसी तरह का प्रयास कर रही है। इस काम में सुनो नहरों की पुकार मिशन भी सहयोग कर रहा है।
लुप्त होने के कगार पर पहुंची गौरैया को बचाने के लिए शहर में अजय हुड्डा व सुनो नहरों की पुकार मिशन ने एक पहल शुरू की है। इसके तहत गौरैया को संरक्षण देने का प्रयास किया गया है। यह टीम गौरैया के भरण पोषण के लिए उन्हें दाना पानी मुहैया करा रही है। इसके लिए ओमैक्स सिटी के पास नहर के पुल पर छोटी सी व्यवस्था की है।
इस जगह को पक्षी होटल का नाम दिया गया है। यहां पक्षियों खासकर गौरैया के लिए दाना पानी मुहैया कराया जाता है। यह टीम इनके दाना-पानी के अलावा यहां साफ सफाई व रखरखाव की भी जिम्मेदारी संभाल रही है। वर्ष 2020 में शुरू हुआ छोटा सा प्रयास अब रंग दिखाने लगा है। इसके चलते अब पक्षी होटल में गौरैया नजर आने लगी हैं। इनके साथ तोता, कबूतर व अन्य पक्षी भी दाना चुगते नजर आते हैं।
पक्षियों को बचाने के लिए शुरू की मुहिम
पक्षियों को गर्मी में अक्सर पानी व दाना नहीं मिलता है। इससे भीषण गर्मी में उनका जीना मुश्किल हो जाता है। उनकी व्याकुलता को देखते हुए उन्हें दाना-पानी मुहैया करने का प्रयास शुरू किया था। जेएलएन नहर के पुल पर छोटी सी जगह पर पक्षी होटल शुरू किया है। यहां उन्हें भोजन-पानी मुहैया कराया जा रहा है।