जयपुर में बस हड़ताल से जनजीवन प्रभावित, हजारों यात्री परेशान

जयपुर। शहर में आज सुबह से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। जेसीटीसीएल की 100 बसें ड्राइवर और कंडक्टरों की हड़ताल के कारण सड़क पर नहीं उतरीं, जिससे शहर के कई रूटों पर बस सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं। बस स्टॉप पर यात्रियों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। बगराना डिपो में लो-फ्लोर बसों का संचालन करने वाली निजी कंपनी पारस ट्रेवल्स के चालक अपनी मांगों को लेकर डिपो के बाहर जमा हो गए।

चालकों की मांगें और कारण
ड्राइवरों ने वेतन वृद्धि, ईएसआई, पीएफ और मृत चालक के परिवार को आर्थिक सहायता सहित कई मांगें रखीं। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी लगातार मेंटेनेंस के बिना बसें चलाने को मजबूर कर रही है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ता है। टोंक फाटक पुलिया पर हुई आग और मशीन खराबियों के उदाहरण उन्होंने प्रशासन के सामने रखे। चालकों ने यह भी कहा कि कंपनी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करती और मानसिक दबाव डालती है।

हड़ताल से प्रभावित यात्री
शहर में कुल 200 लो-फ्लोर बसें चलती हैं, जिनमें से आधी आज सड़क पर नहीं उतरीं। हर दिन करीब डेढ़ लाख लोग इन बसों से सफर करते हैं, लेकिन आज लगभग 50 हजार यात्री बस न मिलने से परेशान हुए। यात्रियों को निजी वाहन या महंगी कैब-ऑटो का सहारा लेना पड़ा।

चालकों की पांच प्रमुख मांगें

  1. दुर्घटना में मृत चालक कुलदीप मीणा के परिवार को तुरंत 10 लाख रुपए आर्थिक सहायता।
  2. ड्यूटी के दौरान लकवा ग्रस्त हुए रामजीलाल शर्मा के लिए 3 लाख रुपए की आर्थिक मदद और भविष्य की सुरक्षा।
  3. चालकों के वेतन, ओवरटाइम, पीएफ, ईएसआई क्लेम और पेंशन का तत्काल भुगतान।
  4. डिपो प्रबंधन को बदलकर चालकों के साथ शिष्टाचारपूर्ण व्यवहार किया जाए।
  5. सभी चालकों और तकनीकी कर्मचारियों का सामूहिक दुर्घटना बीमा करवाया जाए।

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