
नई दिल्ली। दिल्ली में गूंजे बुंदेली लोकगीत, उर्मिला पांडेय की प्रस्तुतियों ने लूटी महफिल, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सुप्रसिद्ध लोकगायिका उर्मिला पांडेय ने दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश भवन ऑडिटोरियम में बुंदेली लोकगीतों की ऐसी सुरमयी शाम सजाई कि पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
यह सांस्कृतिक संध्या मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें बुंदेली अंचल की वैवाहिक लोकपरंपराओं से जुड़े गीतों को सुरों की मधुरता और भावनाओं की गहराई के साथ पेश किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में संस्कृति विभाग के आयुक्त ने सभी कलाकारों का पुष्पगुच्छ व शॉल से अभिनंदन किया।
उर्मिला पांडेय ने जब अपने पारंपरिक वैवाहिक मंगल गीतों की प्रस्तुति दी, तो श्रोताओं की तालियां देर तक गूंजती रहीं। उनके साथ मंच साझा करते हुए राजेश तिवारी और अनामिका पांडेय ने भी बुंदेली गीतों की खुशबू बिखेरी।
कार्यक्रम में बघेलखंड, मालवा और नीमाड़ अंचलों के लोक कलाकारों ने भी अपनी क्षेत्रीय सांस्कृतिक विरासत को सुरों में ढालकर प्रस्तुत किया। सभी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
यह संगीतमय आयोजन न केवल बुंदेलखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति का प्रतीक बना, बल्कि विविध अंचलों की लोकशैली को राजधानी के मंच पर प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत कर संस्कृति की एक खूबसूरत झलक भी दिखाई।