
- प्रत्येक स्तर के निर्माण कार्यों पर रेलवे रख रहा पैनी नजर
- साधारण से अलग होंगे बुलेट टेªन स्टेशन
Lucknow : भारत में बुलेट ट्रेन चलाने का सपना साकार करने के लिए रेलवे जोरदार तैयारियों में लगा है। रेलवे की बुलेट ट्रेन चलाने के कामों की गति भी मेल ट्रेनों की स्पीड से ही चल रही है। बुलेट ट्रेन को रेलवे ने ट्रैक के साथ ही बुलेट ट्रेनों के लिए अलग से स्टेशनो की व्यवस्था की है।
भारत में बुलेट ट्रेन लगभग 350 किमी.प्रति घंटा की स्पीड से दौडेंगी। मुंबई से अहमदाबाद के बीच तैयार किये गये स्पेशल ट्रैक पर जल्द ही बुलेट ट्रेन दौड़ सकेंगी।
भारत में बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना से साकार होती दिख रही है। बुलेट ट्रेन के लिए रेलवे अलग ही व्यवस्था कर रहा है। बुलेट ट्रेन कारीडोर प्रथम चरण के लिए 12 स्टेशनों के साथ 508 किमी. की दूरी तय करेगा। भारत का पहला 508 कि.मी. लंबा बुलेट ट्रेन कॉरिडोर मुंबई और अहमदाबाद के बीच निर्माणाधीन है।
508 कि.मी. में से 325 कि.मी. वायाडक्ट और 400 कि.मी. पियर का काम पूरा हो चुका है 17 नदी पुल. 5 प्रि.स्ट्रेस्ड कंक्रीट ब्रिज और 10 स्टील ब्रिज पूरे हो चुके हैं। 216 कि.मी. क्षेत्र में 4 लाख से अधिक नॉइज़ बैरियर लगाए गए है। 217 ट्रैक कि.मी आरसी ट्रैक बेड का निर्माण पूरा हो चुका है। लगभग 57 रूट कि.मी.में 2300 से अधिक ओएचई मास्ट लगाए जा चुके हैं। 07 पहाड़ी सुरंगों के साथ सभी स्टेशनों पर सुपरस्ट्रक्चर का कार्य तेज गति से चल रहा है।
अन्य स्टेशनों से अलग होगा बुलेट ट्रेन स्टेशन
साधारण स्टेशनों की अपेक्षा बुलेट ट्रेन के स्टेशन अलग तरह के होंगे। यहां पर यात्री सुविधाओं के साथ ही स्टेशनों पर ट्रेनों के चलने की स्पीड के हिसाब से ही उन्हें तैयार किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन के लिए बिलिमोरा स्टेशन को पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन के साथ डिज़ाइन किया गया है।
फॉल्स सीलिंग को एंटी-वाइब्रेशन हैंगर से लगाया गया है ताकि ट्रेनों की तेज गति से होने वाले कंपन का असर फिटिंग्स पर न पड़े। स्टेशन आधुनिक यात्री सुविधाओं से सुसज्जित है जैसे वेटिंग लाउंज, नर्सरी, शौचालय, रिटेल आउटलेट व सहज आवागमन के लिए कई लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं जिसमें वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों और बच्चों वाले परिवारों की आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। रेल यात्रियों की सुविधा के लिए पिक अप और ड्रॉप ऑफ जोन, बसों,कारों और दोपहिया वाहनों के लिए अलग पार्किंग, ईवी पार्किंग,पानी का कुशल उपयोग, वर्षा जल संचयन, लो-फ्लो सैनिटरी फिटिंग्स, आंतरिक हिस्सों में कम गर्मी प्रवेश, कम वाष्पशील कार्बनिक यौगिक वाले पेंट का प्रयोग किया गया है।
हाई स्पीड ट्रेनों के लिए 425 मीटर लंबा प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया जा रहा है।
यूपी को करना पड़ सकता है अभी लंबा इंतजार
देश को सबसे अधिक सांसद,मंत्री और प्रधानमंत्री देने वाले उत्तर प्रदेश को बुलेट ट्रेन के मामले में इंतजार करना पड़ सकता है। मुंबई अहमदाबाद के बीच बन रहे कारीडोर में बुलेट ट्रेन के चल जाने के बाद ही यूपी को बुलेट ट्रेन के लिए कोई तोहफा मिलने की उम्मीद जग सकती है फिलहाल यूपी के लिए बुलेट ट्रेन अभी ठंडे बस्ते में ही है।
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