छांगुर बाबा की कोठी पर चल रहा बुलडोजर, निकल रहें गड़े राज! कमरे में कलावा तो बाथरूम से मिला विदेशी सामान

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला में प्रशासन ने धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की कोठी को तोड़ने का कार्य जारी रखा है। यह कार्रवाई दूसरे दिन भी बुलडोजर के जरिए जारी है, जिसमें कोठी के अंदर कई अवैध और संदिग्ध सामान भी मिले हैं। प्रशासन का कहना है कि कोठी के अंदर एक मिनी पावर हाउस पाया गया है, साथ ही बाथरूम में विदेशी ब्रांड के सामान भी बरामद हुए हैं।

बुधवार सुबह 10 बजे, प्रशासन की टीम ने उतरौला में कोठी पर पहुंचकर पहले से चिन्हित लाल निशान वाले हिस्से को तोड़ना शुरू किया। इस दौरान, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि छांगुर बाबा जैसे लोग समाज के लिए कलंक हैं और उनका बुरा हश्र होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कार्रवाई जारी रहेगी।

प्रशासन के मुताबिक, यह कोठी करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से 3 बीघे जमीन पर बनी है, जिसमें 70 से अधिक कमरे और बड़े हॉल हैं। इनमें से 40 कमरे अवैध बताए गए हैं। एसडीएम राजेंद्र बहादुर ने कहा कि आज भी 9 बुलडोजर से अवैध हिस्से को तोड़ा जाएगा। इससे पहले, मंगलवार को कोठी के 20 कमरे और 40 फीट लंबे हॉल को ध्वस्त किया गया था।

आरोप है कि यह कोठी, जो उतरौला-मनकापुर मेन रोड पर स्थित है, छांगुर बाबा का धर्मांतरण नेटवर्क चलाने का केंद्र थी। दावा किया गया है कि बाबा ने ही उसकी महिला मित्र नीतू उर्फ नसरीन का धर्मांतरण कर उसे नसरीन नाम दिया था। वहीं, ATS का कहना है कि छांगुर बाबा यहीं से धर्मांतरण का संचालन करता था। इस कोठी का नाम नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर है, जिसे 5 जुलाई को लखनऊ से ATS ने गिरफ्तार किया था। उसके साथ ही छांगुर बाबा भी गिरफ्तार किया गया था।

कोठी की सुरक्षा के लिए चारों तरफ बाउंड्री वॉल पर तार दौड़ाए गए हैं, जिन पर रात को करंट दौड़ाया जाता था। यहां तक कि, कोठी तक जाने के लिए 500 मीटर की प्राइवेट रोड भी बनाई गई है। नोटिस जारी होने के बावजूद, बाबा और नसरीन ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण को तोड़ने का कदम उठाया।

कार्रवाई सुबह 10:10 बजे शुरू हुई और दोपहर तक करीब 300 वर्ग फीट की कोठी की छत गिराई जा चुकी है। कोठी का निर्माण पांच साल पहले किया गया था और इसे बहुत मजबूत तरीके से बनाया गया है। इस दौरान, दो बुलडोजरों ने मिलकर 10 फीट लंबे और 8 फीट चौड़े कमरे की छत को गिराया। इस प्रक्रिया में एक घंटा लगा, जिसके बाद मलबा हटाया जा रहा है।

कोठी के अंदर महंगी टाइल्स और संगमरमर लगे हुए हैं। किचन काफी बड़ा है, जिसमें 15 फीट चौड़ा और 15 फीट लंबा क्षेत्र है, जिसमें लहसुन, सब्जी मसाले और बर्तन भी मिले हैं। इसके साथ ही, कोठी में अवैध गतिविधियों का संदेह भी जता रहा है।

अधिकारियों का कहना है कि अवैध निर्माण को हटाने का यह अभियान जारी रहेगा ताकि इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। प्रशासन का यह कदम धर्मांतरण और अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ा संदेश देने का प्रयास है, ताकि भविष्य में इस तरह की अनाधिकृत गतिविधियों को रोका जा सके।



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