
बुलंदशहर : गुलावठी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां न तो सीओ पुलिस क्षेत्राधिकारी बैठते हैं और न ही सीओ का कोई ऑफिस है, फिर भी पुराने थाने के बाहर पुलिस क्षेत्राधिकारी गुलावठी का साइन बोर्ड लगा हुआ है। लेकिन इस बोर्ड को देखकर जो भी सीओ ऑफिस ढूंढने का प्रयास करता है, वह अचंभे में पड़ जाता है। ढूंढने पर भी सीओ ऑफिस नहीं मिलता।
काबिल-ए-गौर है कि कुछ वर्ष पहले गुलावठी में पुलिस क्षेत्राधिकारी का ऑफिस शुरू किया गया था। गुलावठी के लिए सीओ भी भेजे गए थे। उस वक्त विमल कुमार को गुलावठी सीओ का चार्ज दिया गया था। इस सीओ ऑफिस से बीबीनगर, अगौता आदि क्षेत्र भी जोड़े गए थे। लेकिन कुछ ही दिन बाद यह सीओ ऑफिस बंद हो गया और यहां से सीओ भी हटा लिए गए। वर्तमान में पुराने थाने के बाहर पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय का बोर्ड तो लगा हुआ है, लेकिन गुलावठी में जो भी लोग बाहर से आते हैं, वे यह देखकर कंफ्यूज हो जाते हैं कि आखिर सीओ ऑफिस कहां है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शासन ने गुलावठी में न कभी किसी सीओ की नियुक्ति की और न ही कार्यालय बनवाया। ऐसे में यह सवाल आज भी मुंह बाए खड़ा है कि गुलावठी में कथित सीओ ऑफिस क्यों बनाया गया था और आज तक इसका खुलासा क्यों नहीं हो सका।
सिकंदराबाद सर्किल के सीओ के अधीन आता है गुलावठी
गुलावठी कोतवाली क्षेत्र सिकंदराबाद सर्किल के सीओ के अधीन आता है। सिकंदराबाद सीओ ही गुलावठी में कानून व्यवस्था की मॉनिटरिंग करते हैं।
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