
बुलंदशहर : युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर आज युवा समाज का आक्रोश जनपद बुलंदशहर में देखने को मिला। जनपद बुलंदशहर के युवाओं द्वारा बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए आज एक प्रेस वार्ता की गई। जिसमें उन्होंने 13 जून को कलेक्ट्रेट परिसर का घेराव करने की चेतावनी देते हुए सरकार को अपना संदेश दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि यदि सरकार हमें रोजगार नहीं दे सकती, तो हमारे लिए फांसी का ही ऐलान कर दे।
रोजगार अधिकार अभियान के नेता सचिन वशिष्ठ ने इस संबंध में बेरोजगार युवाओं के साथ मिलकर प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने अपने भविष्य को लेकर चिंता जाहिर करते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती स्कूलों में न होने के कारण नौकरी का सपना आंखों में लेकर बैठे प्रतिभाशाली युवाओं का जीवन बर्बाद हो रहा है, जो रोजगार के अभाव में न तो अपने जीवन का भरण-पोषण कर पा रहे हैं, और न ही अपने परिवार की जिम्मेदारी निभा पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बीते 7 वर्षों से शिक्षक भर्ती नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में रोजगार से दूर युवा शक्ति का जीवन खराब हो रहा है। उन्होंने तत्काल रिक्त पदों पर भर्ती करने और खत्म किए गए पदों पर पुनः बहाली करने, साथ ही बंद किए गए स्कूलों को फिर से चालू करने और शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का कड़ाई से पालन करने की मांग की। सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन स्वयं ही किया जा रहा है। रोजगार अधिकार अभियान के तहत 13 जून को विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।
रोजगार देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने युवाओं के साथ में धोखा किया है। युवा नेता गौरव कौशिक ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि परिषदीय विद्यालयों में रिकॉर्ड शिक्षकों की नियुक्ति करने का दावा असलियत से बहुत दूर है। 15 मई 2017 को बेसिक शिक्षा में सुरक्षित 759,828 पदों में 535,501 शिक्षक थे, जबकि वर्तमान में 5,797,540 में ही शिक्षक कार्यरत हैं, जिनकी संख्या घटकर अब 453,264 रह गई है। ऐसे में किस प्रकार प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था को बेहतर किया जा सकता है और युवाओं को रोजगार मिल पाएगा? सरकार द्वारा प्राइमरी स्तर में 181,276, माध्यमिक स्तर में 3,872 और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर में 87,414 शिक्षकों के पदों को मार्च 2026 तक भर्ती करने की घोषणा की गई।
इस घोषणा के कुछ देर बाद, इस शिक्षक भर्ती के ट्वीट को प्रदेश सरकार के ट्विटर हैंडल से डिलीट कर दिया गया। इस प्रकार, शैक्षिक सत्र में बच्चों का नामांकन 1.92 करोड़ से घटकर 1.52 करोड़ पर आ गया है, जिससे बच्चों के शिक्षा पाने के अधिकार में बड़ा आ रहा है। इसी के साथ-साथ प्रतिभाशाली युवा रोजगार पाने की आस में अपने जीवन का समय बर्बाद कर रहे हैं, क्योंकि न तो सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती हेतु विज्ञापन निकाला जा रहा है और न ही युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है। जिसके चलते उनकी उम्र भी बढ़ती जा रही है, और देश का युवा निराशा के गर्त में डूब रहा है।










