Budget Session 2025 : आज, शुक्रवार से संसद का बजट सत्र-2025 शुरू हो रहा है। संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अभिभाषण दे रही हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को संबोधित करते हुए महाकुंभ में हुए हादसे का जिक्र किया। द्रौपदी मुर्मू ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया और केंद्र सरकार के कामों का उल्लेख किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के बजट सत्र के दौरान अपने अभिभाषण में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों, देश की आर्थिक स्थिति, और आगामी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उनका यह अभिभाषण 2025 के बजट सत्र की शुरुआत के रूप में हुआ, जिसमें उन्होंने न केवल सरकार की नीतियों की सराहना की, बल्कि देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति की दिशा में सरकार के दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “इंडिया एआई मिशन शुरू किया गया है। एआई डिजिटल तकनीक में भारत दुनिया को रास्ता दिखा रहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल कनेक्टिविटी शुरू की गई है। कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज बना।”
उन्होंने कहा, सरकार नारी शक्ति को मजबूत करने पर भी काम कर रही है। सरकारी योजनाओं से गरीबों को सम्मान मिला है। सरकार का मंत्र सबका साथ, सबका विकास है। इस सरकार में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा देने का फैसला हुआ है।”
द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। देश तेज गति से आगे बढ़ रहा है। किसान, गरीब सरकार की प्राथमिकता रही है। एक देश एक चुनाव पर सरकार काम कर रही है।”
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने भाषण में विशेष रूप से देश की मजबूत आर्थिक स्थिति पर जोर दिया और बताया कि भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने भारत की बढ़ती जीडीपी, रोजगार सृजन, और आर्थिक सुधारों के बारे में भी बात की। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि सरकार का ध्यान गरीबों और कमजोर वर्गों की सामाजिक और आर्थिक भलाई पर है और उनके लिए निरंतर योजनाएं लागू की जा रही हैं।
राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने देश में डिजिटल भारत, हर घर जल, स्वच्छ भारत अभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं की सफलता को रेखांकित किया, जो सामाजिक और आर्थिक बदलावों का हिस्सा हैं। साथ ही, उन्होंने भारतीय संस्कृति, विविधता और एकता की ताकत को भी सराहा और कहा कि यह विविधता हमारे देश की ताकत है।
आखिर में, राष्ट्रपति ने सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया और कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना, हर नागरिक को विकास की प्रक्रिया में शामिल करना, और समावेशी विकास सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताएँ हैं।
उनके इस भाषण ने न केवल सरकार की नीतियों को स्पष्ट किया, बल्कि भविष्य के लिए देश की प्रगति और समृद्धि के रास्ते को भी दर्शाया।