
Mayawati Called Meeting : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर प्रदेश भर के पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी 9 अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्माण दिवस पर आयोजित होने वाली विशाल रैली को सफल बनाने की रणनीति तय करना था। इस बैठक में आकाश आनंद, उनके पिता आनंद और ससुर अशोक सिद्धार्थ नहीं पहुंचे, जो चर्चाओं का विषय बन गया है।
बैठक के दौरान मायावती ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने बसपा संस्थापक की पुण्यतिथि पर लखनऊ के कांशीराम स्मारक पार्क में श्रद्धांजलि एवं कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही, उन्होंने प्रदेश स्तर पर कार्यक्रम का स्थान भी तय किया।
साथ ही, इस बैठक में बसपा सुप्रीमो ने स्टेट यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं जिम्मेदार लोगों को संबोधित किया। बैठक में जिला से लेकर पोलिंग बूथ स्तर तक की कमेटियों का गठन, पार्टी संगठन के कार्यों का आकलन और जनाधार बढ़ाने के प्रयासों की समीक्षा की गई।
यह उल्लेखनीय है कि बसपा मुख्यालय पर आयोजित इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, यूपी के एकमात्र बसपा विधायक उमाशंकर सिंह, पूर्व एमएलसी भीमराव अंबेडकर सहित अनेक पदाधिकारी शामिल हुए। आश्चर्य की बात यह है कि, इस महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद और उनके पिता उपाध्यक्ष आनंद भी मौजूद नहीं थे।
इसके अतिरिक्त, हाल ही में मायावती द्वारा आकाश आनंद के ससुर और अपने समधी डॉ. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में पुनः शामिल करने का फैसला लिया गया था, लेकिन वे भी बैठक में अनुपस्थित रहे। इन घटनाक्रमों ने राजनीतिक हलकों में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है, खासकर इस बात को लेकर कि क्या सब कुछ ठीक ठाक है या नहीं।
मायावती का ‘मिशन 9 अक्टूबर’
2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। जहां सपा और बीजेपी दोनों ही अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ पूरे फॉर्म में हैं, वहीं मायावती यूपी की राजनीति को त्रिकोणीय बनाना चाहती हैं। इस उद्देश्य के तहत उन्होंने ‘मिशन 9 अक्तूबर’ की योजना बनाई है।
दरअसल, 9 अक्तूबर को ही बसपा के संस्थापक कांशीराम का निधन हुआ था, जिसे हर साल परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी बसपा इस दिन को बड़े पैमाने पर मनाने का मन बना चुकी है। मायावती ने इस दिन प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने के साथ-साथ लखनऊ में एक विशाल जनसभा करने की रणनीति बनाई है, ताकि सियासी धारा में अपनी पकड़ मजबूत कर सके।
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