
जोधपुर : सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक (आईजी) एमएल गर्ग ने बताया कि आपरेशन सिन्दूर में थल सेना और वायु सेना के साथ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने समन्वय कर अपना जलवा दिखाया और पाकिस्तान के नापाक इरादों को शिकस्त दी। इस ऑपरेशन के दौरान हमारी महिला प्रहरियों ने 24 घंटे सातों दिन सीमा पर तैनात रहकर बेहतरीन कार्य किया और सीमा पर पूरी मुस्तैदी से डटी रहीं।आईजी ने यह बातें सोमवार को जोधपर में प्रेसवार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में सीमा सुरक्षा बल की परिचालन क्षमता, खुफिया समन्वय और बल के जवानों के अदम्य साहस आदि के बारे में विस्तार से बताया।
उ्न्होंने कहा कि पहलगाम नरसंहार के पश्चात महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल ने पश्चिमी सीमा पर संभावित खतरे का सटीक आंकलन कर, बीएसएफ को पूरी तरह से तैयार रहने के लिए निर्देशित किया है। महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल ने महानिरीक्षक (ऑपरेशन) के साथ बीकानेर सेक्टर का दौरा किया व सीमा पर जवानों के बीच जाकर हालात की जानकारी ली। सभी सेक्टरों एवं वाहिनियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में उच्चतम स्तर की तैयारी, प्रतिक्रिया के लिए बल की ऑपरेशनल डयूटियों के लिए सतर्कता तथा मुस्तैदी का जायजा लिया। साथ ही सीमा सुरक्षा बल के खुफिया तंत्र को और मजबूत कर भारतीय सेना एवं एयर फोर्स के साथ समन्वय स्थापित कर ऑपरेशनल सूचनाओं के आदान-प्रदान करने के लिए आदेश दिए हैं।
आईजी गर्ग ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से राजस्थान के सीमावर्ती जिलों जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में लगातार ड्रोन गतिविधियां की गई। हमारी एयरस्पेस की सुरक्षा को चुनौती देने के प्रयासों को राजस्थान फ्रंटियर, सीमा सुरक्षा बल ने भारतीय सेना व एयर फोर्स के साथ मिलकर तत्परता से विफल किया। सीमा सुरक्षा बल ने भारतीय सेना, वायु सेना व राजस्थान पुलिस के साथ अद्वितीय समन्वय और तालमेल बनाए रखा। राजस्थान फ्रंटियर के संपूर्ण संचालन क्षेत्र श्रीगंगानगर से लेकर जैसलमेर तक बीएसएफ ने देश की सेनाओं के साथ आवश्यक और रणनीतिक सूचनाओं का त्वरित एवं निर्बाध आदान-प्रदान सुनिश्चित किया। इसी दौरान सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया ताकि सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।
24 घंटे तैनात पर रही महिला प्रहरी
इसके अलावा सीमा के लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करना व उन्हें हर परिस्थिति के लिए तैयार रखा गया। इस दाैरान सीमावर्ती क्षेत्रों में चलाए जा रहे रणनीतिक अभियानों को लेकर पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर झूठा और भ्रामक प्रचार फैलाये जाने के जवाब में बीएसएफ द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सत्य और तथ्य आधारित जानकारी साझा करना शुरू किया गया।
जवानों को कमेंडेशन डिस्क से सम्मानित किया
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही जैसलमेर में अग्रिम सीमा चौकियों का दौरा किया। अधिकारिक दौरे के दौरान जैसलमेर बॉर्डर पर उत्कृष्ट कार्य के लिए बीएसएफ के सहायक कमांडेंट पीके मिश्रा व अन्य जवानों को को कमेंडेशन डिस्क से सम्मानित किया गया। यह सम्मान बीएसएफ की उत्कृष्टता और समर्पण का प्रतीक है।
देश सुरक्षा की प्रथम पंक्ति है बीएसएफ
महानिरीक्षक गर्ग ने बताया कि बीएसएफ देश की प्रथम रक्षा पंक्ति है तथा हम हर चुनौती को दुश्मन की आंखों में झाकते हुए स्वीकार करते है। सीमाओं पर चौकस रहते हैं। यह हमारा पवित्र कर्तव्य है कि हम अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दें। भारत की सरहद को कोई छू नहीं सकता, क्योंकि इसकी निगहबान हैं हम सब की आंखें। उन्हाेंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी 22 वें अलंकरण समारोह के दौरान सीमा सुरक्षा बल की अभूतपूर्व साहसिकता, समर्पण और पेशेवर प्रतिबद्धता की सराहना की।
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