बांग्लादेश में जारी हिंसा के बाद सीमा सुरक्षा बल अलर्ट पर है। गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए सदस्यों की एक बैठक आयोजित की गई। इसके अलावा, बीएसएफ के महानिर्देशक के निर्देशों पर, समिति के सदस्यों ने अपने समकक्षों के साथ संवाद स्थापित किया। साथ ही, बीओपी, कंपनी स्तर तक समकक्षों तक पहुंचने के लिए,
दोनों सीमा सुरक्षा बलों ने पिछले 3 दिनों में विभिन्न स्तरों पर लगभग 83 फ्लैग मीटिंग की गई है। पीआरओ मुख्यालय विशेष महानिर्देशक द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया की सीमा सुरक्षा बलों ने पूर्वी कमांड ज़िम्मेदारी के इलाके के संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में लगभग 241 सम्बन्धित गश्त की हैं।
बीएसएफ अधिकारियों ने बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पर आने से रोकने में बीजीबी की भूमिका की सराहना की और भारतीय नागरिकों और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया की बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) न केवल अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर ऑप्स मामलों में बीएसएफ के साथ सहयोग कर रहा है,
बल्कि उनके नागरिक अधिकारियों के साथ मिलकर बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा के लिए भी सभी कदम उठा रहा है। हाल ही में, 9 अगस्त को, जब 1500 बांग्लादेशी नागरिक बांग्लादेश के अंदर कूचबिहार-लालमोनिरहाट जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इकट्ठा हुए थे, तो बीजीबी ने बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले के स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर उन्हें वापस लौटने के सफल प्रयास किया।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया की द्विपक्षीय क्षेत्रीय बैठकों में, सीमा सुरक्षा और अन्य आपसी हितों से संबंधित मामलों पर भी चर्चा की गई। साथ ही, कमांडरों ने बीजीबी के साथ विभिन्न परिचालन मामलों पर वास्तविक हालात की जानकारी साझा करने के लिए प्रभावी समन्वित तंत्र के चैनल तैयार किए।
इसके अलावा, पूर्वी कमांड की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ रहने वाले भारतीय ग्रामीणों के साथ भी 232 बैठकें आयोजित की गईं ताकि उन्हें बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति के बारे में जागरूक किया जा सके और सीमा प्रबंधन में उनका सहयोग प्राप्त किया जा सके। वहीं बीएसएफ सभी स्तरों पर उपलब्ध संसाधानो के माध्यम से बीजीबी के साथ सक्रिय संवाद में है ताकि सुरक्षा परिदृश्य की निगरानी की जा सके और भारत-बांग्लादेश सीमा पर किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे।