
बिहार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सेना के जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) सूबेदार अजीत कुमार और उनके परिवार के साथ तेल्हारा थाना पुलिस द्वारा बेरहमी से मारपीट की गई। यह घटना तब और गंभीर हो गई जब अजीत कुमार द्वारा विरोध करने पर उन्हें ही गिरफ्तार कर लिया गया।
घटना की जानकारी सेना मुख्यालय तक पहुंचते ही अधिकारियों ने कड़ी नाराजगी जताई। इसके बाद सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बिहार के डीजीपी विनय कुमार से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की। डीजीपी ने त्वरित संज्ञान लेते हुए तेल्हारा थानाध्यक्ष राजेश कुमार ठाकुर को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच अब आईजी गरिमा मल्लिक द्वारा की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
सूबेदार अजीत कुमार चैती छठ पर्व के अवसर पर अपने पैतृक गांव चांदपुर, नालंदा आए हुए थे। उसी दौरान उनके भाई मंटू कुमार, जो गांव के सरपंच हैं, पर दुष्कर्म का आरोप लगा। पुलिस मंटू की गिरफ्तारी के लिए 9 अप्रैल की रात को उनके घर छापेमारी करने पहुंची।
आरोप यह है:
- पुलिस बिना वारंट और सूचना के घर की दीवार फांदकर अंदर घुसी।
- विरोध करने पर अजीत कुमार, उनकी पत्नी, भाभी, बहन और भतीजी को घसीट कर बाहर निकाला गया।
- सभी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।
- बाद में अजीत कुमार और उनके भतीजे पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें
मारपीट में घायल सूबेदार अजीत कुमार की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिसमें उनके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान साफ नजर आ रहे हैं।
पुलिस का पक्ष
तेल्हारा थाना पुलिस का कहना है कि वे दुष्कर्म के आरोपी की तलाश में पहुंचे थे, लेकिन अजीत कुमार और उनके परिवार ने पुलिस टीम के साथ अभद्रता की और सरकारी काम में बाधा डाली। इसके चलते उन्हें हिरासत में लिया गया और अगली सुबह जमानत पर रिहा कर दिया गया।
सेना की प्रतिक्रिया और प्रशासन की कार्रवाई
सेना की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद:
- थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया है।
- आईजी गरिमा मल्लिक द्वारा उच्चस्तरीय जांच शुरू की गई है।
- डीजीपी विनय कुमार ने सेना अधिकारियों को निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।