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फतेहपुर । थरियांव थाना क्षेत्र के दनियालपुर गांव में द्वारचार की रश्म के बाद दुल्हन ने शादी से इंकार कर दिया, जिसके बाद वर वधू पक्ष में हड़कम्प मच गया, दोनों पक्षो में कहासुनी व हाथापाई की नौबत आ गई, सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षो में सुलह समझौता करवा दिया।
जानकारी के अनुसार असोथर थाना क्षेत्र के बेरुई गांव निवासी वीरेंद्र लोधी ने बेटे बीरेंद्र की शादी थरियांव थाना क्षेत्र के दनियालपुर गांव निवासी रामसजीवन की बेटी सरिता के साथ तय की थी, दोनों की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बीती 23 जनवरी को शादी भी करा दी गई, जिसके बाद दुल्हन ससुराल न जाकर मायके चली गई। वधू पक्ष ने दोबारा सामाजिक मान्यता के लिए शादी घर से करने की इच्छा जाहिर की, दोनों पक्षों की रजामंदी से बीती देर शाम वधू पक्ष के दरवाजे बारात पहुँची, द्वारचार की सभी रस्मे अदा हुई, इसके बाद चढ़ाव रश्म के कुछ समय पश्चात दुल्हन ने शादी से इंकार कर दिया, जिसने दूल्हे के घर जाने से साफ इंकार कर दिया।
जिससे हंगामा शुरू हो गया, दोनों पक्षो के बीच वाद विवाद शुरू हो गया, नौबत मारपीट की आ गई। ग्रामीणों ने बीच बचाव कर विवाद की सूचना पुलिस को दिया, सूचना पाकर पहुँची पुलिस ने दोनों पक्षो के बीच सुलह समझौता करवा दिया। इस दौरान वर पक्ष ने वधू पक्ष के लोगो पर उनके जेवरातों को हड़पने का आरोप भी लगाया, पुलिस ने जेवरात दिलाते हुए वर पक्ष से वधू पक्ष को शादी में हुआ हर्जा खर्चा भी दिलाया जिसके बाद दोनों पक्ष बगैर शादी किये अपने अपने घरों को लौट गये।
बताते हैं कि लड़की दिल्ली शहर में रहती थी, जो कि शहर के लड़के से शादी करना चाहती थी, लेकिन उसके घर वालों ने बगैर उसकी मर्जी जाने उसकी शादी गांव के लड़के के साथ तय कर दी थी, और उसका सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान विवाह भी करवा दिया, लेकिन वह लोकलाज के चलते कुछ नहीं कह पाई, बाद में गांव के लड़के के साथ शादी किये जाने पर उसने शादी करने से साफ इंकार कर दिया। मामले के बावत थानाध्यक्ष अरविंद कुमार राय ने कहा कि लड़की के बगैर मर्जी के उसकी शादी हो रही थी, जिससे उसने शादी से इंकार कर दिया है, दोनों पक्षों के बीच सुलह समझौता करवा दिया गया है।