
नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में मोदी सरकार ने देश में जाति जनगणना करवाने का फैसला लिया है. विपक्षी दलों की तरफ से लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार सरकार पर इसे लेकर हमलावर थे. बताते चलें कि भारत में जाति जनगणना की मांग काफी पुरानी रही है. बिहार चुनाव से पहले इसे मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है. बिहार में महागठबंधन के सरकार के दौरान नीतीश कुमार के कैबिनेट जातिगत सर्वे करवाया था. जिसके बाद से देश भर में इसे करवाने की मांग हो रही थी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सामाजिक ताने-बाने को ध्यान में रखकर संविधान में स्पष्ट व्यवस्था के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है.
कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया था
1947 से आज तक जातियों की जनगणना नहीं की गई थी.
2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जाति जनगणना का आश्वासन दिया था.
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