बॉक्सिंग चैंपियन जॉर्ज फोरमैन का 76 साल की आयु में निधन

बॉक्सिंग के दिग्गज और दो बार के हैवीवेट चैंपियन जॉर्ज फोरमैन का 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका निधन विश्व बॉक्सिंग जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। जॉर्ज फोरमैन, जिनका नाम एक महान बॉक्सिंग चैंपियन के रूप में लिया जाता है, ने अपने करियर में कई यादगार मुकाबले लड़े और अपनी शक्ति, कौशल, और संघर्ष की भावना से एक लंबी छाप छोड़ी।

करियर की शुरुआत और सफलता

जॉर्ज फोरमैन ने 1969 में प्रोफेशनल बॉक्सिंग में कदम रखा और जल्दी ही अपनी खतरनाक पंचिंग क्षमता और शारीरिक ताकत के लिए पहचान बनाने लगे। वह 1970 के दशक के सबसे प्रभावशाली और सबसे चर्चित हैवीवेट बॉक्सर्स में से एक बन गए थे। उनका पहला विश्व हैवीवेट चैंपियनशिप खिताब 1973 में हुआ था, जब उन्होंने जो फ्रेज़ियर को हराकर यह खिताब जीता। इस जीत के बाद वह बॉक्सिंग की दुनिया के सबसे बड़े नामों में से एक बन गए।

“रुम्बा इन द जंगल” और उनके ऐतिहासिक मुकाबले

जॉर्ज फोरमैन का सबसे प्रसिद्ध मुकाबला 1974 में हुआ था, जिसे “रुम्बा इन द जंगल” के नाम से जाना जाता है। यह मुकाबला कांगो के किन्शासा शहर में हुआ था, जहां उन्होंने मोहम्मद अली को हराकर अपने विश्व हैवीवेट चैंपियनशिप का बचाव किया। इस मुकाबले में फोरमैन को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी शक्ति और संघर्षशीलता ने उन्हें बॉक्सिंग की दुनिया में एक स्थायी स्थान दिलवाया।

रिटायरमेंट और वापसी

फोरमैन ने 1977 में बॉक्सिंग से संन्यास ले लिया, लेकिन 1990 में 45 वर्ष की आयु में उन्होंने वापसी की। इस उम्र में उनकी वापसी ने सभी को चौंका दिया, और 1994 में, उन्होंने एक बार फिर हैवीवेट चैंपियनशिप जीता, जिससे वह सबसे पुराने हैवीवेट चैंपियन बने। उनकी यह उपलब्धि बॉक्सिंग इतिहास में एक अनोखा मुकाम है।

धर्म, जीवन के बाद की भूमिका और समाज में योगदान

फोरमैन ने 1977 में अपने धार्मिक विश्वासों के कारण बॉक्सिंग से संन्यास लिया और पादरी बनने का निर्णय लिया। उन्होंने एक चर्च स्थापित किया और जीवन के बाद के वर्षों में समाज सेवा पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। वह समाज में एक प्रेरणा के रूप में उभरे, जिन्होंने अपनी गलतियों से सीख लिया और दूसरे लोगों की मदद के लिए अपने जीवन को समर्पित किया।

जॉर्ज फोरमैन का निधन

उनकी मौत की खबर ने बॉक्सिंग प्रेमियों और खेल जगत के प्रशंसकों को गहरा शोक पहुंचाया है। जॉर्ज फोरमैन की बॉक्सिंग के प्रति दीवानगी, उनकी ताकत और संघर्ष ने उन्हें हमेशा के लिए एक किंवदंती बना दिया। उनका योगदान न केवल बॉक्सिंग के खेल को, बल्कि खेल जगत को भी हमेशा याद रहेगा।

फोरमैन का निधन खेल जगत में एक रिक्तता छोड़ गया है, जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। उनके परिवार और करीबी मित्रों के साथ-साथ उनके प्रशंसक भी इस कठिन समय में शोक में डूबे हुए हैं। जॉर्ज फोरमैन के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनकी विरासत बॉक्सिंग की दुनिया में अमर रहेगी।

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