
दिल्ली के ओखला से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मामला गंभीर होता जा रहा है। सोमवार को पुलिस ने जामिया इलाके में हत्या के आरोपी शहबाज खान को पकड़ने के लिए कार्रवाई की, लेकिन विधायक खान ने पुलिस के काम में हस्तक्षेप किया, जिससे आरोपी पुलिस के शिकंजे से फरार हो गया। इस घटना के बाद अमानतुल्लाह खान पर सरकारी काम में बाधा डालने और दंगे से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं।
खान पर जो धाराएं लगाई गई हैं, उनमें बीएनएस की धारा 191(2) और 190 प्रमुख हैं। ये धाराएं उस स्थिति में लगाई जाती हैं जब कोई व्यक्ति किसी अवैध सभा का हिस्सा होता है, और उस सभा के दौरान कोई अपराध होता है, तो उस व्यक्ति को भी अपराधी माना जाता है। इसके अलावा, अन्य गंभीर धाराएं भी लगी हैं जैसे कि धारा 121(1), 132, 351(3) और 263, जिनमें से कुछ गैरजमानती हैं।
इस पूरे मामले में अमानतुल्लाह खान पर आरोप है कि उन्होंने शहबाज खान को बचाने की कोशिश की और माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की, जिससे पुलिस की कार्रवाई पर असर पड़ा। विधायक के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज हुई है, वह इस घटना के दौरान हुई पुलिस कार्रवाई में हस्तक्षेप के कारण है।
यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि अमानतुल्लाह खान की राजनीतिक स्थिति और उनके समर्थकों के कारण यह विवाद बढ़ सकता है। पुलिस ने इस मामले में जो धाराएं लगाई हैं, वे गंभीर हैं और विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।















