
बलूचिस्तान, पाकिस्तान: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बलूच आर्मी (BLA) ने एक फिदायीन हमला किया है, जिसमें पाकिस्तानी सेना के करीब 90 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया गया है। इस हमले को लेकर बलूच आर्मी ने जिम्मेदारी ली है और इसे बलूचिस्तान के स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बताया है। इस हमले की घटना बलूचिस्तान के एक सैन्य बेस या चौकी पर हुई, हालांकि पाकिस्तान सरकार ने अभी तक आधिकारिक रूप से इस हमले की पुष्टि नहीं की है।
बलूच आर्मी के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि यह हमला एक सुनियोजित कार्रवाई थी और इसमें पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान हुआ है। उनके अनुसार, यह हमला बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों पर पाकिस्तान के कब्जे के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजने के लिए किया गया। बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना और बलूच आर्मी के बीच कई वर्षों से संघर्ष जारी है, जिसमें कई जानें जा चुकी हैं।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब 5 दिन पहले पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में एक ट्रेन हाईजैकिंग की घटना हुई थी। इस हमले में पाकिस्तान के 28 सैनिकों की मौत हुई थी, और साथ ही 33 बलूच लड़ाके भी मारे गए थे। इस ट्रेन हाईजैकिंग घटना को भी बलूच आर्मी ने अंजाम दिया था, जो पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाने के लिए काफी बड़े पैमाने पर योजना बनाई थी।
पाकिस्तान सरकार ने ट्रेन हाईजैकिंग के बाद बलूच आर्मी के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज कर दी थी, लेकिन बलूच आर्मी का यह नया फिदायीन हमला यह दर्शाता है कि बलूचिस्तान में संघर्ष अब और भी तीव्र हो गया है।
पाकिस्तानी सेना का कहना है कि वे बलूच आर्मी के इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे। हालांकि, इस संघर्ष में आम नागरिकों की भी जानें जा रही हैं, और स्थानीय लोग इस हिंसा के खत्म होने की उम्मीद करते हैं।
बलूचिस्तान में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले बलूच आर्मी के इन हमलों को पाकिस्तान अपनी संप्रभुता के खिलाफ एक गंभीर चुनौती मानता है। हालांकि, बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सरकार और सेना के खिलाफ असंतोष की भावना गहरी हो गई है, और इस क्षेत्र के लोग खुद को शोषित और हाशिए पर महसूस करते हैं।
यह देखना होगा कि पाकिस्तान इस हमले का कैसे जवाब देता है, और क्या बलूचिस्तान में शांति की कोई संभावना बनती है या यह संघर्ष और भी गहरा होता जाएगा।