बिहार के रण में तेजस्वी यादव से भिड़ेगा भाजपा का ये धुरंधर! मां राबड़ी देवी को दे चुके हैं मात

Bihar Election : बिहार विधानसभा के पहले चरण के चुनाव के लिए कल यानी शुक्रवार को नामांकन की अंतिम तिथि है, और इस बीच चुनावी मंच पूरी तरह से सज चुका है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने क्षेत्र में नामांकन दाखिल करने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपनी पारंपरिक सीट राघोपुर से नामांकन कर दिया है।

यह सीट वैशाली जिले में है और लालू यादव परिवार का परंपरागत गढ़ रही है। 1995 से लेकर अब तक, इस सीट पर लालू परिवार का कब्जा रहा है। पहली बार 1995 में लालू प्रसाद यादव ने जनता दल के टिकट पर यहां से चुनाव जीता था। इसके बाद 1998 में राजगीर यादव, 2000 में लालू यादव, 2005 में राबड़ी देवी, और 2010 में जेडीयू के सतीश कुमार यादव विजेता रहे हैं।

2010 के चुनाव में राबड़ी देवी को हार का सामना करना पड़ा था, जब जेडीयू के सतीश कुमार यादव ने करीब 13 हजार वोटों से जीत हासिल की। 2015 में, जब तेजस्वी यादव इस सीट पर मैदान में उतरे, तब राजनीतिक समीकरण बदले। उस समय राजद और जेडीयू साथ आ गए थे। सतीश कुमार यादव, जो पहले जेडीयू के प्रत्याशी थे, भाजपा में चले गए और तब से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं। 2015 और 2020 के चुनावों में उन्होंने तेजस्वी यादव से हार का सामना किया। 2020 के चुनाव में, जबकि भाजपा और एलजेपी ने भी यहां अपने उम्मीदवार उतारे, तब भी तेजस्वी यादव भारी मतों से विजेता रहे।

वर्तमान में, 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा, जेडीयू और लोजपा-आर का मजबूत गठबंधन मैदान में है। भाजपा ने सतीश कुमार यादव को फिर से मैदान में उतारा है, जो इस लड़ाई को दिलचस्प बना रहा है। तेजस्वी यादव के लिए यह लड़ाई आसान नहीं होने वाली है, क्योंकि विपक्ष का एकजुट होना उनकी परेशानी बढ़ा सकता है।

यह सीट यादव बहुल है, यहां लगभग 32 प्रतिशत यादव मतदाता हैं। राजद मानता है कि यादव समुदाय का वोट उसके समर्थन में है, लेकिन वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियां इसे आसान नहीं बनाती दिख रही हैं। अब देखना होगा कि इस बार कौन जीत हासिल करता है और राघोपुर सीट का भविष्य क्या होता है।

यह भी पढ़े : मैं मोदी से प्यार करता हूं! फिर की डोनल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ, कहा- ‘वह महान व्यक्ति..’



खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें