
हैदराबाद : गोशामहल के विधायक टी. राजा सिंह ने पूर्व एमएलसी रामचंदर राव को तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने त्यागपत्र देने का कारण पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने की अनुमति न दिए जाने को बताया है।

मीडिया से बातचीत में राजा सिंह ने कहा कि मैं नामांकन दाखिल करने गया था। मैंने आवेदन पत्र भी ले लिया था। मेरे आवेदन पर तीन सदस्यों ने हस्ताक्षर किए। सात और सदस्यों के हस्ताक्षर होने थे। इस वजह से मैं नामांकन दाखिल नहीं कर सका। इसके बाद मैंने तेलंगाना भाजपा प्रमुख जी. किशन रेड्डी को त्यागपत्र दे दिया और कहा कि वे इसे स्वीकार कर लें।
विधायक ने दो पन्नों के त्यागपत्र में केंद्रीय नेतृत्व के फैसले को ‘सदमा और निराशा’ करार देते हुए कहा कि इससे राज्य भर में लाखों वफादार पार्टी कार्यकर्ताओं को ठेस पहुंची है। राजा सिंह ने लिखा कि यह पत्र लाखों वफादार भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के दर्द और हताशा को दर्शाता है, जो खुद को दरकिनार और अनसुना महसूस करते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ चुनिंदा लोग ‘पर्दे के पीछे से शो चला रहे हैं’ और फैसले ले रहे हैं, जिससे आंतरिक असंतोष और जमीनी स्तर पर जुड़ाव खत्म हो रहा है।
गोशामहल से तीन बार निर्वाचित विधायक ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, वरिष्ठ नेता अमित शाह और बीएल संतोष से निर्णय पर पुनर्विचार करने और यह सुनिश्चित करने की अपील की कि तेलंगाना में सही नेतृत्व स्थापित हो। पार्टी से औपचारिक संबंध तोड़ते हुए राजा सिंह ने हिंदुत्व की विचारधारा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और गोशामहल के लोगों और व्यापक हिंदू समुदाय की सेवा जारी रखने का संकल्प लिया।
उन्होंने लिखा, “मैं सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि उन अनगिनत कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के लिए बोल रहा हूं, जो आस्था के साथ हमारे साथ खड़े थे और जो आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।”