
आगरा। जिले में ताजमहल के पश्चिमी गेट पर सोमवार सुबह एक भाजपा नेता द्वारा हवाई फायरिंग किए जाने का मामला सामने आया है। भाजपा नेता और एलआइसी एजेंट पंकज कुमार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर रिवाल्वर और तीन कारतूस के खोखे बरामद किए हैं।
लखनऊ पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी कर पुलिस रिमांड में लिया है और उससे पूछताछ जारी है। आरोपी ने अपने बयान में कहा है कि उसने अपने मन से फायरिंग की थी।
मामला ताजमहल की पश्चिमी गेट पार्किंग के पास का है, जब सोमवार सुबह लगभग 9.15 बजे मथुरा नंबर की अर्टिगा कार से पहुंचे पंकज कुमार सिंह ने खुद को भारत सरकार का अधिकारी बताकर गेट तक गाड़ी पहुंचाई। जब पुलिस ने उसे वापस जाने को कहा, तो उसने लाइसेंसी रिवाल्वर से तीन हवाई फायर कर सनसनी फैला दी। इसके बाद, आरोपी ने पश्चिमी गेट से दूसरी कार लेकर भागने का प्रयास किया।
आरोपी पंकज सिंह आजमगढ़ के बलरामपुर निवासी हैं और पूर्व में भाजपा में जिला उपाध्यक्ष समेत कई पदों पर रह चुके हैं। उसने खुद को ताजमहल के अंदर कार ले जाने का जिद किया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसकी कार की तस्वीर का इस्तेमाल कर वृंदावन के चालक तक पहुंची और लखनऊ पुलिस की मदद से सात घंटे के भीतर उसे मानक नगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। देर रात उसे आगरा लाया गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ताज सुरक्षा में तैनात सब इंस्पेक्टर राजन सिंह की शिकायत पर हवाई फायरिंग और गाली-गलौज के आरोप में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पूछताछ में आरोपी ने बिना किसी स्पष्ट कारण के फायरिंग करने का कारण बताया कि उसके मन में आया, इसलिए उसने ऐसा किया। उसके पास से कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी लाइसेंसी रिवाल्वर और तीन कारतूस के खोखे भी बरामद किए गए हैं।
आरोपी का मेडिकल परीक्षण करा कर मंगलवार दोपहर उसे स्पेशल सीजेएम की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वृंदावन से पहुंची अर्टिगा कार का चालक मथुरा के देवपुरा निवासी नंदलाल को गाली-गलौज का आरोपित माना गया है, जबकि दूसरे चालक योगेश चौहान का प्रारंभिक जांच में कोई दोष नहीं पाया गया है। रिपोर्ट में आरोपित के लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए भी संबंधित दस्तावेज भेजे जा रहे हैं।
पंकज सिंह के परिवार ने बताया कि वह दो दिन पूर्व वृंदावन में आया था। सोमवार को पत्नी और बच्चों को वहीं छोड़कर वह किराए की कार से आगरा आया था। उसकी पत्नी और भाई ताजगंज में पहुंच गए हैं, जिन्होंने उसे मानसिक रोगी बताया था। उनका कहना था कि 2003 में लखनऊ के नूर मंजिल साइकैट्रिक अस्पताल में उसका उपचार भी हुआ था, लेकिन वर्तमान में उसके पास उपचार के कोई दस्तावेज नहीं हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपित का मानसिक स्वास्थ्य जांच का अभी कोई विशेषज्ञीय प्रमाण नहीं मिला है।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि आरोपी ने फायरिंग के पीछे कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है और उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।