BJP नेता विकुल चपराना की फिर गिरफ्तारी, नाक रगड़वाने वाले मामले ने पकड़ा तूल

मेरठ: उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर के नाम की धौंस दिखाकर मेरठ में व्यापारी से नाक रगड़वाने वाले बीजेपी के किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष विकुल चपराना को शुक्रवार देर रात पुलिस ने दोबारा से गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले चपराना को पुलिस ने मामूली धाराओं में हिरासत में लेकर जमानत पर छोड़ दिया था. उसके बाद से वह फरार चल रहा था.

मेरठ के मेडिकल थाना क्षेत्र के तेजगढ़ी चौराहे के पास ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर के दफ्तर के ठीक नीचे, दीपावली से ठीक एक दिन पहले बीजेपी नेता के ने मंत्री की धौंस दिखाकर व्यापारी से नाक रगड़वाई थी. इस मामले में पुलिस अब एक्शन में दिखाई दे रही है.

अब तक पुलिस की कार्यशैली पर भाजपा के सांसद, राज्यसभा सदस्य, मंत्री, विधायक, एमएलसी, मेयर और पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष ने सवाल उठाए थे. पुलिस की गलती को बड़ा बताते हुए मामले में डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की थी. पुलिस के लिए भी यह मामला गले की फांस बन चुका था.

पुलिस ने हालांकी शुरुआत में हुई अपनी गलतियों को बीजेपी नेताओं के दबाव के चलते सुधारने की कोशिश की. पहले जहां स्थानीय चौकी इंचार्ज समेत दो अन्य पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था, वहीं विकुल चपराना को मामूली धाराओं में हिरासत में लेने के बाद जमानत देने के बाद बढ़ता हुआ दबाव देखकर उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया था.

उसके बाद से विकुल चपराना फरार चल रहा था. जबकि इस बीच उसने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर खुद को बेगुनाह बताते हुए एक वीडियो भी शेयर की थी. वीडियो के अलावा भी उसने पोस्ट की थी. इस मामले को लेकर मेरठ में तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता सत्ताधारी पार्टी भाजपा पर हमलावर होकर तमाम तरह के आरोप लगा रहे थे.

वैश्य वर्ग से ताल्लुक रखने वाले पीड़ित सत्यम रस्तोगी के साथ पुलिस की मौजूदगी में विकुल चपराना के द्वारा नाक रगड़वाकर उन्हें गंदी-गंदी गालियां देने और मारपीट करने की घटना से व्यापारी वर्ग में भी गुस्सा देखने को मिल रहा है. अलग-अलग संगठन से जुड़े व्यापारियों ने विकुल चपराना के इस इस कृत्य की तो घोर निंदा की ही थी, पुलिस की मौजूदगी में एक व्यापारी की सरेआम बेईज्जत करने से व्यापारियों में भी उबाल था.

भाजपा के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी से लेकर, जिले के सभी पार्टी के तीन विधायक और एक एमएलसी समेत क्षेत्रीय अध्यक्ष के अलावा जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष के अलावा अन्य नेताओं ने एसएसपी से मुलाकात करके पुलिस की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए थे.

इसके बाद एसएसपी विपिन ताडा ने मेडिकल थाना प्रभारी शीलेश कुमार को भी सस्पेंड कर दिया था. अब शुक्रवार देर रात पुलिस ने विकुल चपराना को भी दोबारा से गिरफ्तार किया है. भाजपा प्रतिनिधिमंडल के एसएसपी से मिलने के बाद व्यापारी से मारपीट, अपमान करने के मामले में गंभीर धारा भी पुलिस ने बढ़ा दी थीं. पुलिस ने मुकदमे में बलवा, रंगदारी, तोड़फोड़ और मारपीट की धाराएं भी बढ़ा दी थीं.

व्यापारी सत्यम रस्तोगी इस घटना से बेहद परेशान हैं, उनकी मां का कहना है कि सरेआम हुए अपमान से सत्यम ठीक से सो तक भी नहीं पा रहे हैं. ये मामला उस वक्त ज्यादा तूल पकड़ गया जब समाजवादी पार्टी के मुखिया ने प्रदेश सरकार को सोशल मीडिया पर पोस्ट करके घेरने की कोशिश की. भाजपा ने इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद विकुल चपराना को पार्टी से निकाल दिया था.

बीजेपी नेताओं के दवाब के चलते अब मेडिकल थाना प्रभारी को भी सस्पेंड कर दिया गया है. सत्ताधारी दल भाजपा के जिले के अधिकतर नेता और जनप्रतिनिधि भी इस घटना को लेकर पुलिस को कोस रहे हैं. इस पूरे मामले में पुलिस की विवेचना में इस बात का भी जिक्र है कि अपनी अकड़ से विलेन बने विकुल चपराना और उसके साथियों ने नाक रगड़वाने के बाद सत्यम को मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी थी, जिसकी एवज में पांच लाख की रंगदारी मांगी गई थी.

सीओ अभिषेक तिवारी ने बताया कि विकुल को अब गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस को ये इनपुट था कि शुक्रवार को विकुल चपराना कोर्ट में पेश होने की फिराक में था. लेकिन, उसे इस बात की भनक लग गई और वह कोर्ट में सरेंडर नहीं कर पाया.

हालांकि पुलिस ने भी विकुल का वारंट लेने के लिए कोर्ट में अर्जी लगा दी थी. पुलिस की अलग-अलग टीमें विकुल को पकड़ने के लिए दबिश दे रही थीं. देर रात मेरठ के बिजली बंबा बाईपास से उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

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