
- जिन्होंने ‘राम-नाम’ को शक्ति माना भाजपा उन्हीं का नाम मिटा रही
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी दिलाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है। बापू ने देश की आत्मा जगाने का काम किया। जनता को एकजुट किया। भाजपा सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर चल रही योजना का नाम बदल दे रही है। भाजपा के पास कोई नया काम नहीं है। पुरानी योजनाओं का नाम बदल रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जिनके अंदर आत्मा नहीं है वो न तो महात्मा में विश्वास करते हैं, न परमात्मा में। जिन पूज्यनीय महात्मा गांधी ने सत्य की लड़ाई जीवन भर लड़ी, उन्हें वो नकारात्मक लोग कैसे मान सकते हैं, जिनकी हर बात झूठी है। ये ‘सत्य के प्रयोग’ बनाम ‘असत्य का दुरुपयोग’ करनेवालों के बीच का संघर्ष है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जिन्होंने ‘राम-नाम’ को शक्ति माना उनका नाम मिटाकर राम राज्य लाने का झूठ बोलने वाले अब निरंतर पतन की ओर हैं। मनरेगा में राज्यों पर खर्चे का भार बढ़ाकर दरअसल ग़रीब विरोधी भाजपाई लोग इस ग्रामीण आजीविका की योजना को अंदर-ही-अंदर ख़त्म करना चाहते हैं। भाजपाई तो पहले ही कह चुके हैं वो इसे स्मारक मानते हैं।
इस बात से खिन्न देशवासी कह रहे हैं कि कहीं ‘कोई’ महात्मा शब्द अपने लिए बचाकर तो नहीं रखना चाहता है। मनरेगा योजना का नाम बदलने जाने के विरोध में संसद परिसर में विपक्षी दलों के साथ प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए श्री अखिलेश यादव ने कहा कि हमने देखा की उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार ने सबसे ज्यादा नाम बदलने का काम किया है। दूसरी सरकारों के किये गये कार्यों और योजनाओं का नाम बदल दिया है और अब दिल्ली की भाजपा सरकार भी वही कर रही है। दोनों डबल इंजन सरकार केवल नाम बदल रही है।
भाजपा के लोगों को अपना भी नाम बदल देना चाहिए। श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार बताए कि नाम बदलने से किसान, मजदूर को क्या लाभ होगा। सरकार बताए कि मनरेगा के काम के दिनों की संख्या 200 और 250 क्यों नहीं कर रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा भेदभाव हो रहा है। जाति को लेकर भेदभाव हो रहा है। यह सरकार संविधान से नहीं चल रही है।
इनसे कोई उम्मीद नहीं कर सकता है। जब भाजपा कमजोर हो जाती है तो भाजपाई ज्यादा धार्मिक और कम्युनल राजनीति करते हैं। यह नाम बदलने की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलेगी।










