
शहजाद अंसारी
बिजनौर। योगी सरकार ने जहां उपद्रवियों के साथ सख्ती निबटने के लिए प्रदेश की सभी पुलिस को आदेश दिये हैं वहीं जनपद बिजनौर की नगीना पुलिस उपद्रवियों पर दरियादिली दिखाते हुए मेहरबान दिखाई दे रही है। नगीना पुलिस द्वारा उपद्रवियों को रुपए लेकर छोडने का मांमला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में शुक्रवार को नगीना में उपद्रवियों द्वारा पुलिस पर जमकर पथराव किया गया था उपद्रवियों द्वारा किए गए पथराव में दर्जनभर पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इतना ही नही उपद्रवियों ने पुलिस व प्राईवेट गाडी को भी नुकसान पहुंचाया था। नगीना पुलिस द्वारा मौके से 79 उपद्रवियों को गिरफ्तार व 150 अज्ञात लोगों के विरूद्ध धारा 47,148,149,186, 188, 323, 307, 332, 336, 353, 427 आईपीसी व 7 लॉ क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट व 2/3 सार्वजनिक संपत्ति क्षति अधिनियम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
हैरत की बात यह रही कि इतनी बडी घटना होने के बावजूद योगी सरकार को धता बताते हुए नगीना थाने में तैनात चर्चित सिपाही मान सिंह व दरोगा जितेन्द्र कुमार ने एक दलाल के माध्यम से 50000 हजार रुपए लेकर एक आरोपी को मान सम्मान के साथ छोड दिया है चर्चा यह भी है कि एसके अलावा कई अन्य आरोपयिं पर नगीना पुलिस द्वारा मेहबानी की गई है।
जबकि नगर के लोग चौक चोराहों पर यह भी तेजी से चर्चा कर रहे है कि पुलिस ने उन लोगो को जेल भेजा है जिनकी सिफारिश करने वाला कोई नही था। इतना ही नही इस बवाल की जांच थाना बढ़ापुर के क्राइम इंस्पैक्टर के पास जाने से पुलिस की छवि और धुमिल होने लगी है क्योंकि कई दलाल व एक भू-माफिया ने जो अपने को समाजसेवी बताता है वह क्राइम इंस्पैक्टर को अपना खास बताकर नगर में घूम घूमकर लोगो से नाम निकलवाने और फर्जी नाम डलवाने के लिए रुपयों की डिमांडकर शुरू कर दी है। नगीना पुलिस का यह कारनामा उजागर होने से सरकार की छवि पर सवाल खड़े होने लगे है।










