
New Delhi : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पिछले साल हरियाणा विधानसभा के चुनावों में वाेट चोरी का आरोप लगाये जाने पर आज पलटवार किया और कहा कि राहुल गांधी अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए झूठे और बेतुके दावे कर रहे हैं ताकि बिहार में होने वाली कांग्रेस की करारी हार के जिम्मेदारी से बचने का बहाना मिल जाये।
भाजपा मुख्यालय में बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए झूठे और अतार्किक दावे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में दो दिन बाद मतदान है लेकिन आज राहुल गांधी हरियाणा की कहानी सुना रहे थे। इससे साफ है कि बिहार में तो मुद्दा बचा ही नहीं इसलिए ध्यान भटकाने एवं हार की जिम्मेदारी से बचने का बहाना खोजने के लिए हरियाणा का मुद्दा गढ़ा जा रहा है।
श्री रिजीजू ने कहा कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि एग्जिट पोल में कांग्रेस जीत रही थी। साल 2004 के चुनाव के दौरान भी एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को जिता रहे थे लेकिन मतगणना के नतीजों में राजग हार गया। हमने परिणाम को स्वीकार किया और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को बधाई दी लेकिन हमने चुनाव आयोग को गाली नहीं दी। लोकतंत्र में जीत और हार, दोनों को स्वीकार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल जब कांग्रेस के पक्ष में होता है, तब वाहवाही करते हैं और जब विरोध में जाता है, तब मीडिया को गाली देते हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में चुनाव चल रहा था, तब कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा ने खुद कहा था कि कांग्रेस वहां नहीं जीत पाएगी, क्योंकि उसके अपने नेता ही पार्टी को हराना चाहते हैं। इसके बाद कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री ने इस्तीफा देकर साफ कहा कि कांग्रेस हरियाणा में इसलिए हारी क्योंकि उसके नेता जमीन पर काम नहीं कर रहे थे। उन्होंने पूछा कि प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने माना कि कांग्रेस पार्टी में जमीनी स्तर पर तालमेल नहीं है, फिर कांग्रेस कैसे जीत सकती है? उनके अपने नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस अपनी वजह से हारी है, जबकि राहुल गांधी का ये कहना कि वो वोट चोरी से हारे, इस पर आखिर कौन भरोसा करेगा?
किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर कई लोग नाखुश हैं। बिहार में कई लोग कह रहे हैं कि राहुल गांधी को वहाँ प्रचार करने नहीं आना चाहिए क्योंकि उनकी मौजूदगी बचे-खुचे अवसरों को भी बर्बाद कर देगी।
उन्होंने कहा कि मतदान खत्म होने के बाद अगर कोई विसंगति है तो आप चुनाव आयोग में याचिका दायर कर सकते हैं या अपील कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि न्याय नहीं हुआ, तो आप अदालत जा सकते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं करना, बस लोकतंत्र को बनाम करना है। उन्हें चुनाव आयोग में अपील करने की ज़रूरत नहीं है। वे बस एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और कोई प्रेजेंटेशन देकर भाग जायेंगे। क्या लोकतंत्र ऐसे चलेगा?















