
गुवाहाटी। जो लोग खुद कोई काम नहीं करते, वही दूसरों के किए गए कामों के नाम बदलकर समय बिताते हैं। अगर ईमानदारी से काम किया होता, तो कांग्रेस द्वारा लागू की गई योजनाओं के नाम बदलने की जरूरत ही नहीं पड़ती। यह टिप्पणी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. रागिनी नायक ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदले जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए की।
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस द्वारा शुरू की गई उन सभी योजनाओं की सूची तैयार की जाए, जिनके नाम मोदी सरकार ने बदलकर उन्हें अपनी उपलब्धि के रूप में पेश किया है, तो सुबह से शाम हो जाएगी। गुवाहाटी के मानवेंद्र शर्मा कॉम्प्लेक्स में रविवार काे आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार की ‘निर्मल भारत अभियान’ योजना का नाम बदलकर भाजपा ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ कर दिया। स्वच्छ भारत का प्रतीक गांधीजी का चश्मा था। भाजपा गांधीजी का चश्मा तो अपना पाई, लेकिन गांधीजी की सोच और दृष्टि को आज तक नहीं अपना सकी। यही कारण है कि आज भाजपा ने मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने में भी संकोच नहीं किया।
सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए प्रभु श्रीराम के नाम के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए डॉ. नायक ने मनरेगा के नए नाम पर भी भाजपा पर निशाना साधा।
डॉ. नायक ने कहा कि गांधीजी का नाम हटाकर ‘राम’ शब्द जोड़ने के पीछे मोदी और भाजपा की कुटिल राजनीति छिपी हुई है। उन्होंने कहा, “अब वे कहेंगे कि कांग्रेस को राम नाम से दिक्कत है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि कांग्रेस को राम नाम से कोई समस्या नहीं है। हमारी समस्या उन लोगों से है, जो राम का नाम लेकर जनता की पीठ में छुरा घोंपते हैं। हमारी समस्या उस पार्टी से है, जो मर्यादा पुरुषोत्तम राम को बार-बार राजनीति में घसीटती है।”
उल्लेखनीय है कि, संवाददाता सम्मेलन में एपीसीसी मीडिया एवं संचार विभाग के अध्यक्ष बेदब्रत बोरा तथा विभाग के समन्वयक हर्षद शर्मा भी उपस्थित थे।
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