
Dhampur, Bijnor : एक ओर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने और पेपर लीक जैसी घटनाओं पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजामों और सख्त निर्देशों का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत इन दावों को आईना दिखाती नजर आ रही है। शेरकोट स्थित महामाया राजकीय महाविद्यालय में सामने आया मामला न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही की पराकाष्ठा को उजागर करता है, बल्कि भविष्य में किसी बड़े परीक्षा घोटाले की आशंका को भी जन्म देता है, क्योकिं महाविद्यालय के प्राचार्य/प्रभारी मुकेश कुमार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
आरोप है कि परीक्षा की गोपनीयता और सुरक्षा का सबसे अहम केंद्र माने जाने वाले स्ट्रांग रूम में लगे एकमात्र सीसीटीवी कैमरे को परीक्षा शुरू होने से करीब आधा घंटा पहले उतरवाकर अपने साथ ले जाया गया।
इसके बाद बिना किसी इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के स्ट्रांग रूम से प्रश्न पत्र निकाले गए। यह आरोप किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि स्वयं परीक्षा केंद्र प्रभारी अनुज कुमार ने लगाए हैं, जो इस पूरे प्रकरण को और भी गंभीर बना देते हैं। मामले की भनक लगते ही जब मीडिया कर्मी महाविद्यालय पहुंचे तो हालात चौंकाने वाले मिले। स्ट्रांग रूम खुला पड़ा था और उससे भी अधिक हैरान करने वाली तस्वीर यह थी कि प्रश्न पत्र जमीन पर बिखरे हुए पड़े थे।

यह दृश्य अपने आप में परीक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी था। अनौपचारिक बातचीत में प्राचार्य/प्रभारी मुकेश कुमार की ओर से लापरवाही स्वीकार करने जैसे संकेत भी मिले। हालांकि बाद में उन्होंने खुद को बचाने के लिए सारा जिम्मा परीक्षा केंद्र प्रभारी अनुज कुमार पर डाल दिया। विडंबना यह है कि शिकायतकर्ता स्वयं परीक्षा केन्द्र प्रभारी अनुज कुमार ही हैं, ऐसे में जिम्मेदारी टालने की यह कोशिश सवालों के घेरे में है।











