
Bijnor : मंगलवार शाम पांच बजे पत्रकारों को संबोधित करते हुए एसपी अभिषेक झा ने बताया कि दोनों छात्राओं, कनक और फिरदौस, को लुधियाना से बरामद किया गया, जहां वे एक किराए के कमरे में रहकर एक कपड़े की फैक्ट्री में काम कर रही थीं। उन्होंने बताया कि दोनों छात्रा 15 नवंबर को बिजनौर शहर कोतवाली से लापता हो गई थीं। थाना शहर कोतवाली में तहरीर मिलने के बाद बड़ी स्तर पर पुलिस टीम तलाशी अभियान में लगाई गई थी।
दोनों छात्राएं बिजनौर से सहारनपुर, वहां से बांद्रा की ट्रेन पकड़कर सूरत गईं, फिर अजमेर की ट्रेन से रतलाम और वहां से जम्मू की ट्रेन में सवार होकर लुधियाना पहुंचीं। एसपी ने बताया कि दोनों छात्राओं के पास मोबाइल फोन नहीं होने के कारण तलाशी अभियान में काफी कठिनाई आई। सहारनपुर से बांद्रा के बीच 66 रेलवे स्टेशन पड़ते हैं, जहां के सीसीटीवी फुटेज देखने के लिए ढाई दर्जन टीमें लगाई गईं। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस टीम लुधियाना तक पहुंची और वहां से दोनों को बरामद किया गया।
उल्लेखनीय है कि कनक कक्षा आठवीं और फिरदौस कक्षा 12 की छात्रा है। दोनों की अलग-अलग संप्रदाय की होने के कारण लोगों में तरह-तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। इसी को लेकर किसान यूनियन, शिवसेना तथा ग्रामीणों ने भारी संख्या में थाने, एसपी कार्यालय और कलेक्ट्रेट में अलग-अलग प्रदर्शन किए थे। आंदोलन की चेतावनी देने के बाद शिवसेना जिला प्रमुख वीर सिंह को तीन बार उनके घर में नजरबंद किया गया था।
दोनों छात्राओं की बरामदगी को लेकर पुलिस पर काफी दबाव था, जिसके कारण एसपी सहित सभी अधिकारियों ने इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। दोनों छात्राओं की बरामदगी के बाद पुलिस और परिजनों ने राहत की सांस ली।










