Bijnor : शिक्षा विभाग के आदेशों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां, जिम्मेदार अधिकारी बने मूकदर्शक

Jhalhu, Bijnor : सरकारी शिक्षक जहां स्कूलों में बच्चों को शिक्षित करने के लिए वेतन पाते हैं, वहीं कई शिक्षक अब अपनी जिम्मेदारी भूलकर निजी ट्यूशन के धंधे में मस्त नजर आ रहे हैं। शिक्षा विभाग के कड़े निर्देशों और सरकारी नियमों के बावजूद यह अवैध ट्यूशन व्यापार खुलेआम फल-फूल रहा है, और प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।

शासन के आदेशों का मज़ाक नियम किताबों में, हकीकत में धंधा

सरकारी शिक्षकों को ट्यूशन पढ़ाने की अनुमति नहीं है। शिक्षा विभाग ने बार-बार निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी शिक्षक किसी भी प्रकार की निजी कोचिंग या ट्यूशन गतिविधि में शामिल नहीं होंगे, परंतु हकीकत इसके विपरीत है।
नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में कई सरकारी शिक्षक अपने ही घरों या किराए के कमरों में ट्यूशन सेंटर चला रहे हैं, और विभागीय अधिकारी सब कुछ देखते हुए भी अनजान बने हुए हैं।

छात्रों की जेब पर बोझ, सरकारी स्कूलों की साख पर सवाल

जहां एक ओर सरकार बच्चों को मुफ्त शिक्षा, किताबें और यूनिफॉर्म देने की योजना चला रही है, वहीं दूसरी ओर यही सरकारी शिक्षक बच्चों से ट्यूशन के नाम पर पैसे वसूल रहे हैं। इससे गरीब अभिभावक परेशान हैं और सरकारी स्कूलों की छवि पर भी सवाल उठने लगे हैं।

प्रशासन की चुप्पी संदिग्ध कब जागेगा विभाग?

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मुद्दे की जानकारी शिक्षा विभाग व प्रशासन को कई बार दी गई, परंतु किसी भी स्तर पर जांच या कार्रवाई नहीं हुई।
लोगों का कहना है कि जब तक ऐसे शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक सरकारी शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद बेमानी है।

हाइलाइट बॉक्स

सरकारी शिक्षक खुलेआम ट्यूशन पढ़ा रहे, विभाग मौन
शिक्षा विभाग के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां
गरीब अभिभावक ठगे जा रहे, छात्रों का भविष्य खतरे में
लोगों की मांग ऐसे शिक्षकों को निलंबित कर सख्त जांच हो

जनता की आवाज़

जब शिक्षक ही नियम तोड़ेंगे तो बच्चों को क्या सिखाएंगे? प्रशासन को तुरंत जांच बैठानी चाहिए।

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