
पटना : बिहार में जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रविवार को पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया।
पदभार ग्रहण करने के बाद जल संसाधन मंत्री ने प्रधान सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि विभाग की विशेष प्राथमिकता मौजूदा व्यवस्था को मजबूत करने तथा पहले से कार्यान्वित योजनाओं को पूरी तरह प्रभावी बनाने पर होना चाहिए।
विजय चौधरी ने कहा कि विभाग की कार्यशैली में 35: 65 का अनुपात सुनिश्चित किया जाए, यानी 35-40 फीसदी ध्यान नई पहलों और नवचारों को दें और 65 फीसदी ऊर्जा मूल दायित्वों को पूरा करने एवं मौजूदा योजनाओं को पूरी तरह दुरुस्त करने में लगाएं।
मंत्री ने कहा कि रबी फसल का मौसम नजदीक है, यह सुनिश्चित कराएं कि सिंचाई क्षमता में विस्तार हो और नहर के अंतिम छोर तक पानी निर्बाध रूप से पहुंचे, ताकि हर किसान पूर्णत: लाभान्वित हो। उन्होंने बाढ़ प्रबंधन पर भी जोर देते हुए कहा कि पहले से निर्मित तटबंधों को मजबूत करना और उनका दायरा बढ़ाकर क्षेत्र को सुरक्षित करना प्राथमिकताओं में रहे।
बातचीत के दौरान जब प्रमुख सचिव ने विभाग में विशिष्ट कार्यों के लिए गठित टीमों का उल्लेख किया तो मंत्री ने निर्देश दिया कि इन टीमों में युवा इंजीनियरों की अधिकतम भागीदारी होनी चाहिए, इससे उन्हें प्रशिक्षित किया जा सकेगा और विभाग में एक नई कार्य संस्कृति और ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अभियंता यह सुनिश्चित करें कि वे तटबंधों और नहरों का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करें।
मंत्री ने अंत में कहा कि हमारा लक्ष्य कार्यों को ‘कल नहीं, आज और अभी’ संपादित करने का होना चाहिए। विभाग की असली पहचान मजबूत सिंचाई व्यवस्था और प्रभावी बाढ़ प्रबंधन से बनेगी।
इस अवसर पर अभियंता प्रमुख (मुख्यालय) ब्रजेश मोहन, अभियंता प्रमुख (सिंचाई सृजन) अवधेश कुमार, अभियंता प्रमुख (बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण) वरुण कुमार, संयुक्त सचिव अजय कुमार एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।















