बिहार का नया मंत्रिमंडल : नीतीश की नई सरकार में कौन बनेगा मंत्री? जानिए कौन खुश और कौन नाराज?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं, और NDA ने 202 सीटों पर धमाकेदार जीत हासिल की है। अब सवाल ये है – नया मंत्रिमंडल कैसा होगा? कौन-कौन मंत्री बनेगा? सबसे बड़ा सवाल – कौन खुश होगा, और कौन नाराज?

20 नवंबर को नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। मंत्रिमंडल में कुल 30-35 सदस्य होंगे, जिसमें CM समेत। NDA में JD(U) और BJP को बराबर का हिस्सा मिलेगा – JD(U) को 14-15, BJP को 16। छोटे सहयोगी LJP(RV), HAM और RLM को 1-3 सीटें।

अब, संभावित मंत्री पर नजर डाल लेते है। JD(U) से नेता विजय कुमार चौधरी को फिर फाइनेंस या होम मिमिस्ट्री मिल सकती है। श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास, ललन सिंह को कृषि, और लेशी सिंह को शिक्षा मंत्रालय मिल सकता है। नीतीश के करीबी इनाम सिंह या संजय झा को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलगी।

BJP से डिप्टी CM सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा कायम रहेंगे। रेणु देवी को महिला कल्याण, सुशील कुमार मोदी की फाइनेंस मिनिस्ट्री में वापसी हो सकती है। नित्यानंद राय को ऊर्जा, और प्रेम कुमार को उद्योग मंत्रालय मिल सकता है। नए चेहरे जैसे नंद किशोर यादव या हरिचरण बिष्ट को मौका मिलना संभव है।

छोटे दलों से LJP(RV) के चिराग पासवान के करीबी राजू तिवारी या संजय पासवान को भी एक मंत्रालय मिलने के चान्सेज है। HAM से संतोष मांझी, और RLM से उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा। हालाँकि ये नाम अभी अटकलों पर आधारित हैं, लेकिन सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये लगभग तय हैं।

अब बात करते है सियासी ड्रामे की तो पूरा NDA खुश है। नीतीश कुमार को दसवीं बार CM बनने जा रहे है, इसलिए नितीश बाबू फूले यही समा रहे – उधर अमित शाह और नरेंद्र मोदी की स्ट्रैटजी काम आई, BJP के 89 विधायकों में जश्न का माहौल है। चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे सहयोगी भी मुस्कुरा रहे, क्योंकि छोटे दलों को सम्मान मिला।

लेकिन नाराजगी भी चरम पर है मांझी पहले ही काम सीटें मिलने से बिफरे थे अब अगर उनके विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलती नाराजगी और बढ़ सकती है, हालाँकि मांझी के नाराज होने से JDU और बीजेपी दोनों को ही ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ता।

जहाँ NDA में जश्न का माहौल है तो विपक्ष में तूफान मचा हुआ है! RJD और महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटें ही मिली है, तो तेजस्वी यादव चिढ़े हुए – EVM फिर से चोर बताई जा रही है। और सबसे बड़ा बवाल लालू प्रसाद परिवार सदमे में है, रही बात कांग्रेस की तो राहुल गांधी ने हार को ‘सिस्टम की नाकामी’ बता दिया है। राजनितिक सलाहकार प्राशांत किशोर अपनी पार्टी को सही सलाह नहीं दे पाए। लेकिन सबसे ज्यादा नाराज है RJD की युवा ब्रिगेड – उन्हें लग रहा, बिहार फिर ‘पुरानी राजनीति’ में फंस गया।

बिहार का नया चैप्टर शुरू हो गया है! अब देखने वाला ये होगा कि क्या ये मंत्रिमंडल विकास लाएगा या फिर बिहार पहले जैसे मझधार में अटका रहेगा?

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