टिहरी। उत्तराखंड की प्रसिद्ध सर्वोदयी संस्था लोक जीवन विकास भारती में 8 विभूतियों को बिहारी लाल स्मृति सर्वोदय सम्मान प्रदान किया गया। प्रसिद्ध समाजसेवी बिहारी लाल का सन 2021 में स्वर्गवास हो गया था। उनकी याद में हर वर्ष समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है।
बिहारी लाल स्मृति सर्वोदय सम्मान प्राप्त करने वाले विभूतियां में विष्णु प्रसाद सेमवाल को उत्तराखंड की आध्यात्मिक एवं गौरवपूर्ण संस्कृति के प्रवक्ता और पर्यावरण संरक्षण के लिए सम्मानित किया गया है। शंभू शरण रतूड़ी को देश-विदेश में पर्वतीय क्षेत्र की पहचान, संस्कृति, जनसेवा के लिए, महेंद्र प्रसाद नाथ को सर्वोदय विचार एवं बुनियादी शिक्षक की भूमिका, हिम्मत सिंह रौतेला को सामाजिक समरसता ,भाईचारा और शिक्षक जयप्रकाश कृथ्वाल को मिडडे मील में पहाड़ी खानपान, शिक्षा एवं आजीविका सुधार के लिए सम्मानित किया गया।
प्रधानाचार्य जयप्रकाश कोटियाल को बच्चों और शिक्षकों के बीच अनुशासन और सर्वोत्तम शिक्षक, भूपेंद्र सिंह नेगी को पौराणिक संस्कृति, धरोहर संरक्षण और मजबूत युवा नेतृत्व के लिए और सामाजिक कार्यकर्ता नागेंद्र दत को समाज कार्य,रक्षासूत्र,आजीविका,बाल एवं महिला अधिकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों से लिए सर्वोदय सम्मान से नवाजा गया। समारोह में मुख्य अतिथि देश के जाने-माने सर्वोदय नेता रमेश शर्मा के कर कमलों द्वार सम्मान पत्र प्रदान किए गए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा रहे विशिष्ट अतिथि पर्यावरणविद संजय राणा के हाथों स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। सम्मेलन में उपस्थित रहे उत्तराखंड पलायन आयोग के सदस्य रामप्रकाश पैन्यूली द्वारा सभी सम्मानित सदस्यों को शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। एडवोकेट लोकेंद्र प्रसाद जोशी ने सम्मानित विभूतियों पर माल्यार्पण किया।
रमेश शर्मा ने बिहारी लाल जी के कार्यों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने देश के विभिन्न स्थानों में सर्वोदय विचार के काम को जन-जन तक पहुंचाया। उत्तराखंड में भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में 1977 से प्रारंभ हुई लोक जीवन विकास भारती में देश- विदेश के लोगों ने आकर पर्वतीय क्षेत्र में रहने वाले उपेक्षितों, शोषितों और महिलाओं के विकास के लिए अहम योगदान किया है। स्व. बिहारी लाल के कार्य का प्रभाव है कि यहां सैकड़ों लोग उनके रास्ते पर चलकर आत्मनिर्भर समाज के लिए अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
विशेष अतिथि संजय राणा ने कहा कि बिहारी लाल उत्तराखंड हिमालय की समस्याओं को समझते थे। उन्होंने यहां की संवेदनशीलता के अनुसार छोटी पनबिजली, उद्यानीकरण, महिला कष्ट मुक्ति, महिला समाख्या जैसे कार्यों की शुरुआत की थी। पलायन आयोग के सदस्य रामप्रकाश पैन्यूली ने बिहारी लाल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह भिलंगना क्षेत्र के ऐसे महत्वपूर्ण समाजसेवी रहे हैं, जिनसे नौजवानों, महिलाओं,समाज सेवकों,राजनेताओं को एक सीख मिली है।
कार्यक्रम का संचालन क्षेत्र पंचायत सदस्य अब्बल छनवान ने किया। इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य केडी निराला, समाजसेवी बैसाखीलाल, शिक्षक महावीर श्रीवाल, शूरवीर लाल, बचन लाल, स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय से गोविंद सिंह रावत आदि उपस्थित रहे। इस दौरान भविष्य में भी समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को बिहारी लाल स्मृति सम्मान प्रदान करने के लिए ‘बिहारी लाल स्मृति समिति’ का गठन किया गया, जिसका अध्यक्ष सर्वसम्मति से बावन सिंह बिष्ट को बनाया गया। शिक्षक महावीर लाल को सचिव, मयंक नाथ को सहायक सचिव और प्रधानाचार्य जयप्रकाश कोटियाल को कोषाध्यक्ष बनाया गया। सुरेश भाई को इस समिति का संरक्षक नियुक्त किया गया है।