बिहार चुनाव : क्या NDA से अलग होगी LJP ?, अंतिम फैसला आज शाम लेगी पार्टी

पटना
बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) अकेले चुनाव मैदान में उतर सकती है। सूत्रों का कहना है कि एलजेपी ने फैसला कर लिया है कि वह बिहार चुनाव में एनडीए से अलग होकर भाग्य आजमाएगी। हालांकि एलजेपी एकला चलो की नीति पर चलने के बावजूद बीजेपी से अलगाव नहीं करेगी। सूत्रों का कहना है कि एलजेपी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व से आपत्ति है इसलिए वह केवल एनडीए के घटक दल जेडीयू और हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारेगी। 


नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर एलजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया  से बातचीत में बताया कि कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि एलजेपी बिहार में 143 सीटों पर भाग्य आजमाए। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक जिस तरह की बातचीत हुई है उससे यही लगता है कि एलजेपी के लिए गठबंधन में बने रहना मुश्किल होगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बीजेपी के साथ किसी किस्म का विवाद नहीं है। एलजेपी को बीजेपी नेतृत्व से किसी तरह की शिकायत नहीं है। हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि कार्यकर्ताओं ने आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान पर छोड़ दिया है।


बताया कि पार्टी नेतृत्व ने तय कर लिया है कि जब तक सम्मानजनक सीटें नहीं मिलेगी तब तक एलजेपी एनडीए में नहीं रहेगी। सम्मानजनक सीट कितनी हो इस सवाल पर उन्होंने बताया कि यह 42 सीटों से कम पर बात नहीं बनेगी। सीटों की ऊंच-नीच की गुंजाइश का अधिकार केवल पार्टी अध्यक्ष के पास है। लेकिन कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि चुनाव में 143 सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएं।

अंतिम फैसला आज शाम लेगी एलजेपी
एलजेपी ने शनिवार शाम 5 बजे केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में प्रदेश प्रधान महासचिव शाहनवाज कैफी व प्रदेश संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष राजू तिवारी भी बुलाए गए हैं। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले यह एलजेपी की आखिरी बैठक होगी। बैठक में सभी 143 प्रत्याशियों पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान औपचारिक रूप से बिहार चुनाव में एनडीए से अलग होने की घोषणा करेंगे।इससे पहले शुक्रवार को एलजेपी प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने कहा कि वे ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ विजन डॉक्यूमेंट को लागू करेंगे। पार्टी नीतीश सरकार के ‘सात निश्चय’ को नहीं मानती। सात निश्चय के सभी कार्य अधूरे रह गए। भुगतान भी नहीं हुआ। सात निश्चय भ्रष्टाचार का पिटारा है।


यहां गौर करने वाली बात यह है कि एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान लगातार हर मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा की तारीफ कर रहे हैं। उनका और उनकी पार्टी का हमला लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चालू है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेता कई दफे कह चुके हैं कि एनडीए के नेता नीतीश कुमार ही हैं। इसमें किंतु-परंतु की गुंजाइश नहीं है। 

बीजेपी को अभी भी एलजेपी से उम्मीद
उधर, केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए के संकट को दूर करने के वास्ते तीन-चार लोगों को हस्तक्षेप करने के लिये अधिकृत किया है। बिहार के पटना साहिब लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रसाद ने हालांकि उन लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया जिन्हें बीजेपी अध्यक्ष ने इस कार्य के लिये अधिकृत किया है।

उन्होंने हालांकि जोर देकर कहा कि एनडीए में सभी चीजें सहमति के आधार पर सुलझ जायेंगी और विधानसभा चुनाव में एनडीए को दो तिहाई बहुमत मिलेगा। रविशंकर प्रसाद से संवाददाताओं ने चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी के रूख के बारे में पूछा था जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह 243 सीटों में से 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने और जेडीयू और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हम पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने पर अड़ी है।

बिहार विधानसभा चुनाव के करीब आने के बीच राज्य में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन और विपक्षी राजद नीत महागठबंधन की तस्वीर अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। विपक्षी गठबंधन में भी राजद और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर खींचतान जारी है। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी हाल ही में महागठबंधन से अलग हो गई और उसने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है।

महागठबंधन में हुआ सीटों का बंटवारा फाइनल!
उधर, कांग्रेस और आरजेडी के बीच लंबी मीटिंग के बाद सीटों पर सहमति हुई। सहमति के अनुसार सीट बंटवारे के तहत आरजेडी को 137 सीट और कांग्रेस के खाते में 68 सीटें गई हैं। जबकि महागठबंध में शामिल सीपीआई को 5 सीट, वीआईपी को 5, सीपीएम को 5 सीट और माके 19 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सीटों का औपचारिक ऐलान जल्द किया जाएगा।

महागठबंधन के एक सीनियर नेता ने एनबीटी से कहा कि अब इसमें अधिकतम एक-दो सीटों का अंतर हो सकता है और बाकी चीजों पर पूर्ण सहमति हो गई है। इसका औपचारिक ऐलान शनिवार को हो सकता है। राज्य में पहले चरण की 71 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 8 अक्टूबर को इसकी अंतिम तारीक है। गठबंधन नेताओं के अनुसार, सीटों के समझौते के साथ ही सभी उम्मीदवारों का भी ऐलान होगा। साथ ही वाल्मीकिनगर लोकसभा उपचुनाव को लेकर भी अंतिम दौर की बातचीत हो रही है।

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