Bihar Election : कर्पूरी ठाकुर के गांव से बिहार के रण में क्यों उतरे पीएम मोदी? EBC वोटर्स का है सारा खेला

Bihar Election : प्रधानंत्री नरेेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव का प्रचार अभियान अपनी विरासत और प्रतीकात्मक महत्व के साथ कर्पूरी ठाकुर के गांव से शुरू किया। यह कदम बिहार के पिछड़े वर्गों (EBC) और समाजवादी आंदोलन की विरासत को सम्मानित करने के साथ-साथ विपक्ष पर निशाना साधने की भी रणनीति है। मोदी ने कर्पूरी ठाकुर की स्मृति स्थल पर श्रद्धांजलि दी और उनके आदर्शों को जनता के बीच फिर से स्थापित करने का संदेश दिया।

पीएम मोदी ने अपने भाषणों में विपक्ष, विशेषकर आरजेडी और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने बिहार को जंगलराज, भ्रष्टाचार, परिवारवाद और पिछड़ापन दिया। उन्होंने आरजेडी के 15 वर्षों के शासनकाल को निशाने पर लेते हुए कहा कि विपक्ष बिहार को गरीबी और बाढ़ में छोड़ गया, जबकि एनडीए सरकार ने विकास के काम किए।

पीएम मोदी ने बिहार के युवाओं को बूथ पर ज्यादा से ज्यादा वोट डालने का आह्वान किया। उन्होंने बुजुर्गों से भी आग्रह किया कि वे जंगलराज की कहानियों को याद कराकर विपक्ष की नीयत को समझें। खासतौर पर, EBC वर्ग और पिछड़े समुदाय को लक्षित कर उनकी राजनीतिक भावनाओं को जीतने का प्रयास है।

बिहार के पूर्वी चंपारण से लेकर समस्तीपुर और बेगूसराय तक की रैलियों में मोदी ने विकास, विरासत और एकता का संदेश दिया। उन्होंने यह भी दिखाया कि बिहार की राजनीति में उनका फोकस विकास और जातीय समीकरणों को मजबूत करने पर है।

महागठबंधन भी EBC वोट बैंक को अपने साथ लाने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रहा है। वह पिछड़े वर्गों, मुस्लिम-यादव समीकरण और छोटे जातियों पर ध्यान केंद्रित कर बीजेपी और जदयू की विरासत को टक्कर दे रहा है। मोदी का गांव से शुरुआत इस रणनीति को कमजोर करने का संकेत है।

चुनावी सभाओं में मोदी अपराध, भ्रष्टाचार, जंगलराज, परिवारवाद और पिछड़े वर्गों के अधिकारों पर विपक्ष को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जंगलराज को लोग कभी नहीं भूलेंगे और विपक्ष की करतूतें जनता को जागरूक करेंगी।

पीएम मोदी का बिहार चुनाव एजेंडा विकास, विरासत और जातीय समीकरणों पर केंद्रित है। कर्पूरी ठाकुर के गांव से शुरुआत कर वे पिछड़े वर्ग के साथ अपनी नजदीकियों को मजबूत कर रहे हैं, जबकि विपक्ष की नीतियों और शासनकाल को जनता के सामने उजागर कर वोट बैंक हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। चुनावी मैदान में मोदी का यह रणनीतिक कदम बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को नई दिशा दे सकता है।

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