
Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, और इस बीच एनडीए व महागठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर राजनीतिक पंडितों की चर्चा के साथ-साथ पार्टी के अंदर भी टिकट के दावेदारों की होड़ मची हुई है। बिहार के पटना स्थित आरजेडी कार्यालय पर इन दिनों कार्यकर्ताओं और संभावित उम्मीदवारों का तांता लगा है, जो अपने नामांकन के लिए बायोडाटा जमा कर अपने भाग्य आजमा रहे हैं।
टिकट की दावेदारी में है अजीब सा उत्साह
कार्यालय के बाहर अपने दावेदारी का परिचय देते हुए आसिफ जमाल मुन्ना खान, जो चैनपुर विधानसभा (कैमूर) से आए हैं, कहते हैं, “मैं आरजेडी का बिहार प्रदेश महासचिव हूं। टिकट चाहता हूं। पार्टी की सेवा किए हुए बहुत समय हो गया, और लालू जी के निर्देश पर ही मैं चलता हूं। यदि टिकट मिलती है, तो मैं जीत सुनिश्चित कर लूंगा।”
वहीं, भभुआ विधानसभा से आए एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने 40 वर्षों की सेवा का हवाला देते हुए कहा, “हमने 40 साल से पार्टी में काम किया है। हम चाहते हैं कि बाहरी उम्मीदवारों से नहीं, बल्कि जमीनी नेता और कार्यकर्ताओं को टिकट मिले। बाहरी उम्मीदवारों का कोई भरोसा नहीं।”
सिटिंग सीटों पर भी बढ़ी दावेदारी
दिलचस्प यह है कि, केवल विपक्षी सीटों पर ही नहीं, बल्कि आरजेडी की वर्तमान सिटिंग सीटों पर भी दावेदारी हो रही है। रफीगंज से पूर्व प्रत्याशी मोहम्मद अलाउद्दीन का कहना है, “2015 में मैंने रफीगंज की सीट से चुनाव लड़ा था। अब मैं आरजेडी में आया हूं और तेजस्वी जी का समर्थन करता हूं। 2020 में भी टिकट की उम्मीद थी, लेकिन नहीं मिली। अभी भी मैं अपनी दावेदारी कर रहा हूं।”
दरभंगा से आए सुभाष पासवान, जो अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव हैं, ने अपने 35 वर्षों के कार्यकाल की बात कहते हुए कहा, “हर पांच साल पर हम अपने नाम की उम्मीद रखते हैं। नेता की नजर हम पर काम करके पड़ेगी, तभी हमें मौका मिलेगा।” उन्होंने अपने कार्य के प्रति निष्ठा और संघर्ष को अपने प्रमुख हथियार बताया।
आलीशान उम्मीदें और पार्टी का चुनावी मिजाज
सहरसा से आए एक कार्यकर्ता ने कहा, “इच्छा तो सबकी होती है, लेकिन पार्टी का आला कमान ही अंतिम निर्णय लेता है।” वहीं, आरजेडी कार्यालय के प्रभारी ने बताया कि रोजाना करीब 2000 लोग बायोडाटा जमा कराते हैं, जिन्हें कंप्यूटर पर लिस्ट किया जाता है। पार्टी की चुनाव समिति इन पर विचार कर अंतिम उम्मीदवार तय करती है।
प्रभारी ने कहा, “जो भी बायोडाटा आते हैं, उन्हें हम तेजस्वी जी को भेजते हैं। वहां बैठकर चुनाव समिति निर्णय लेती है कि कौन-कौन सी सीट से कौन लड़ेगा।” इस प्रक्रिया में टिकट की दौड़ में लगे कार्यकर्ताओं का उत्साह और पार्टी के अंदर चल रही तैयारियों का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
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