
Bihar Election 2025 : बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सीट बंटवारे की स्थित एनडीए के साथ-साथ विपक्ष के महागठबंधन में काफी तनावपूर्ण दिख रही है। महागठबंधन में कांग्रेस ने राजद से मजबूत सीटों की मांग कर दी है, जिससे पार्टी की टेंशन बढ़ती दिख रही है। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि सीटों का बंटवारा समानता के आधार पर हो। वहीं, राजद अपनी गृह सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। यही स्थिति महागठबंधन के अन्य दलों की भी है। ऐसे में सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन में महाभारत होने की आशंका है।
पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ने अपनी गढ़ वाली सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन इस बार कांग्रेस ने अलग डिमांड कर दी है। कांग्रेस ने बेहतर सीटों की मांग की है, जिससे राजद की टेंशन बढ़ गई है। वहीं, राजद अपनी सीटों से दावेदारी पीछे नहीं करना चाहती है। जिसके तहत कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार जीतने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की सीट पर भी राजद ने सुरेश पासवान को आगे कर दिया है, यह जानते हुए भी कि यह सीट उसके हिस्से में नहीं आएगी।
महागठबंधन में मजबूत सीटों की लड़ाई
कांग्रेस ने पिछली बार अपनी कमजोर और मजबूत सीटों की पहचान कर ली है। पहले यह पहचान केवल राजद और माले के पास थी, लेकिन अब कांग्रेस भी इन सीटों को लेकर स्पष्ट है कि सभी मजबूत सीटें एक ही दल को नहीं दी जाएंगी। पिछली बार महागठबंधन का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। कांग्रेस ने 43 कमजोर सीटें चिन्हित की हैं, जिन पर वह इस बार जीतने का लक्ष्य रख रही है। वहीं, राजद के पास 52 सीटें थीं, जिनमें से कई कमजोर हैं।
कांग्रेस ने दलों के सामने रखी ये मांग
कांग्रेस अपनी पसंदीदा सीटों में से लगभग 50 पर दावा कर रही है। राजद इन कमजोर सीटों में से एक दर्जन सीटें चाह रहा है, जैसे मोहनिया, जहां कांग्रेस की उम्मीदें हैं। वामपंथी दलों और नए सहयोगियों (वीआईपी, रालोसपा, झामुमो) को लगभग 30 सीटें चाहिए। यदि इस बार 60 सीटें मिलें, तो कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है। दोनों पक्षों के बीच यह टकराव सीटों के सामाजिक समीकरण, मतदाता आधार एवं पिछली चुनाव की स्थिति पर आधारित है।
सामाजिक समीकरण और सीटों का वितरण
बता दें कि बिहार में पिछले चुनावों में सवर्ण और अति-पिछड़ा वर्ग की सीटें कांग्रेस के लिए कमजोर साबित हुई हैं। पिछली बार कांग्रेस इन सीटों पर नाकाम रही, जबकि राजद ने इन पर अच्छा प्रदर्शन किया। इसलिए इस बार कांग्रेस उन सीटों पर दावेदारी कर रही है, जहां पिछली बार महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था।
महागठबंधन में किसके पास कितनी मजबूत सीटें?
राजद- 92 सीटें मजबूत, जिनमें 75 जीतीं, 17 हारीं। बाकी 52 कमजोर
कांग्रेस- 27 मजबूत सीटें, जिनमें 19 जीतीं। बाकी 43 कमजोर
माले- 14 मजबूत, जिनमें 12 जीतीं। बाकी 7 कमजोर
भाकपा-माकपा- 3-3 मजबूत, 2 जीतीं और 1-1 हारी
पिछली चुनाव कौन कितनी सीटें जीता था?
राजद- 144 सीटें लड़ी।
कांग्रेस- 70 सीटें।
माले- 19 सीटें।
भाकपा- 6 सीटें।
माकपा- 4 सीटें।
वीआईपी- 4 सीटें (एनडीए में, जिनमें 4 जीते)
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