Bihar Election 2025 : सीट शेयरिंग पर JDU ने दिखाया बड़ा दिल, बीजेपी पर छोड़ी चिराग की जिम्मेदारी

Bihar Election 2025 : बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। जदयू बड़ी भूमिका में है और भाजपा से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है। चिराग पासवान को लेकर जदयू का रुख सख्त है। अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात में भी यह मुद्दा उठा था। जदयू अपने कोटे से सहयोगियों को सीटें देने का इच्छुक है।

कहने को तो एनडीए एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतर रहा है, और सबके बीच बराबरी और सम्मान का भाव है, लेकिन लड़ने वाली सीटों की संख्या को लेकर मतभेद बरकरार हैं।

जदयू इस बार भी बड़े भाई की भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा है। वह सांकेतिक रूप से ही सही, भाजपा से अधिक सीटें चाह रहा है। लोजपा (रा) को लेकर जदयू का स्पष्ट रुख है कि यह भाजपा की जिम्मेदारी है।

यह भी अपेक्षा है कि लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को गठबंधन की स्थिति के लिए नुकसानदायक बयानबाजी से भाजपा रोके। 2020 के विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरने का दर्द जदयू अभी भी भूल नहीं पाया है। वह इसके लिए न तो चिराग को माफ करने को तैयार है, न ही झुकने का मन बना रहा है।

अमित शाह के साथ बैठक में चिराग का मुद्दा उठा

तीन दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच हुई मुलाकात में भी चिराग पासवान का मुद्दा चर्चा का विषय रहा। उनकी अधिक सीटों की मांग को लेकर बात हुई।

मुख्यमंत्री ने संकेत में कहा कि यह भाजपा का विषय है। बैठक के दौरान संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन यह दावा किया कि एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों की संख्या को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि समय आने पर सब ठीक हो जाएगा।

हालांकि, वर्तमान स्थिति इस दावे से मेल नहीं खाती। जदयू की मांग स्पष्ट है कि उसे पिछले चुनाव की तरह 122 सीटें चाहिए। भाजपा अपने कोटे से जितनी सीटें चाहें, चिराग को भी दी जा सकती हैं। पिछली बार जदयू ने विकासशील इंसान पार्टी को अपने हिस्से की सीट नहीं दी थी, जबकि भाजपा ने अपने हिस्से से 11 सीटें दी थीं।

जदयू ने अपने हिस्से में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को रखा था, जिसे सात सीटें दी गई थीं। इस बार भी जदयू कुछ उदार रवैया अपना सकता है और सहयोगी दलों को अधिक सीटें दे सकता है।

उम्मीदवार भी तय हो सकते हैं

एनडीए के दो बड़े दल भाजपा और जदयू सहयोगियों को सीटों के साथ-साथ उम्मीदवार भी दे सकते हैं। पिछली बार भाजपा ने विकासशील इंसान पार्टी को 11 सीटें दी थीं, जिनमें से चार उम्मीदवार जीतकर भाजपा में शामिल हो गए थे।

यदि लोजपा (रा) को अधिक सीटें दी जाती हैं, तो उसे भी भाजपा के फार्मूले को मानना पड़ेगा। चिराग पासवान को भाजपा से परहेज नहीं है। 2020 में जब उन्होंने स्वतंत्र होकर चुनाव लड़ा था, तो भाजपा के दर्जनों नेता उनके उम्मीदवार थे, जो बाद में भाजपा में लौट आए।

जदयू ने पिछली बार हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे। यदि जदयू सहयोगियों को अधिक सीटें देने का मन बनाता है, तो वह भी सीटें और उम्मीदवारों का फार्मूला अपना सकता है।

यह भी पढ़े : Bihar Election 2025 : महागठबंधन में सीट बंटवारे में कई अड़चनें, कांग्रेस ने मांग ली मजबूत सीटें, राजद परेशान

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें