
Bihar Chunav : बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख जैसै-जैसे नजदीक आ रही है, बिहार की राजनीति में भी दलों की टेंशन भी बढ़ती जा रही है। बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है।
इस बीच जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर बिहार में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। दरअसल, प्रशांत किशोर ने विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को उतार कर बिहार की जनता से ये वादा किया है कि वो हिंदू-मुस्लिम वोटर्स को साथ लेकर चलेंगे। उनका कहना है कि अगर हिंदू और मुस्लिम वोटर्स मिलकर बिहार की सरकार का चुनाव करेंगे तो निश्चित तौर पर जनसुराज पार्टी की जीत होगी और भाजपा की हार होगी।
लेकिन, इस बीच जनसुराज चीफ प्रशांत किशोर ने 40 फीसदी मुस्लिमों को अपनी पार्टी से विधानसभा चुनाव में टिकट देने का एलान कर दिया है। ऐसे में प्रशांत किशोर की विचारधारा पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या जनसुराज पार्टी मुस्लिमों की पार्टी बन गई है? जबकि प्रशांत किशोर का दावा है कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी, जयप्रकाश, बाबा साहेब अंबेडकर और लोहिया को मानने वाले सभी हिंदू-मुस्लिम उनके वोटर्स होंगे। उनकी पार्टी इन हिंदुओं और मुस्लिमों के अधिकार के लिए कार्य करेंगे। यही वजह है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने का फैसला किया है। उनकी पार्टी 60 फीसदी हिंदू प्रत्याशियों को टिकट देगी।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में पीके का मुकाबला भाजपा, जदयू (जनता दल यूनाईटेड), राजद (राष्ट्रीय जनता दल) व कांग्रेस जैसे दिग्गज दलों के साथ होना है। प्रशांत किशोर ने बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। बिहार में पहला चुनाव लड़ने वाले प्रशांत किशोर ने बिहार के लोगों के लिए अपनी पार्टी के रूप में विकल्प देने का प्रयास किया है। प्रशांत किशोर का कहना है कि पिछले तीन सालों से वह बिहार की जनता का मन टटोल रहे थे, जिसके बाद उन्होंने बिहार की जनता की आवाज बनने का फैसला किया। हाल ही में, कई बड़ी दलों ने के नेताओं ने भी उनकी पार्टी का दामन थामा है।
वहीं प्रशांत किशोर ने चुनाव हारने की स्थिति पर कहा कि अगर उनकी पार्टी बिहार चुनाव हार जाती है तो भी वो कमजोर नहीं पड़ेंगे और न ही किसी और दल के साथ गठबंधन करेंगे। वो फिर से अगले चुनाव के लिए मेहनत करेंगे। उन्होेंने कहा कि चुनाव हारने की स्थिति में अगर 20-30 सीटों पर जीत मिली तो वह अपनी पार्टी के उन विधायकों को किसी और अन्य दल के साथ जुड़ने के लिए मुक्त कर देंगे। लेकिन जनसुराज बिहार की किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेगी और सत्ता से दूर रहकर वह अलग विपक्षी दल बनेंगे।
कुछ दिन पहले प्रशांत किशोर ने एक और बड़ा दावा किया था कि बिहार विधानसभा चुनाव आने तक जनता दल यूनाईटेड के नेताओं और कार्यकर्ताओ के लिए जनसुराज को ज्वाइन करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रहेगा। यानी वह साफ तौर पर यह भी कह रहे हैं कि नीतीश कुमार को बिहार में सरकार बनाने के लिए पीके की शरण में ही आना पड़ेगा और वह बिहार में सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका बनाएंगे।
यह भी पढ़े : Delhi : यमुना बाजार में बारिश से आई बाढ़, पानी के बीच उतरीं सीएम रेखा गुप्ता, लोगों से पूछा हाल