Bihar Chunav : राघोपुर के मैदान में होगा बड़ा सियासी युद्ध, प्रशांत किशोर बनाम तेजस्वी यादव के बीच होगा मुकाबला

Bihar Chunav 2025 : जब से जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अपनी नई राजनीतिक योजना का खुलासा किया है तब से बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में करगहर या राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे। पीके के इस कदम से कई सियासी समीकरणों में बदलाव संभव है। राघोपुर से पूर्व में लगातार दो बार जीत दर्ज कर चुके राजद नेता तेजस्वी यादव के लिए यह नई चुनौती खड़ी कर सकता है।

राघोपुर, जो वैशाली जिले में है और हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, यहाँ से वर्तमान में तेजस्वी यादव विधायक हैं। इस सीट पर तेजस्वी यादव ने 2015 और 2020 में जीत हासिल की है, और उनके पिता लालू यादव भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। हालाँकि, 2010 में जेडीयू उम्मीदवार सतीश कुमार ने तेजस्वी के पिता को हराकर इस सीट का समीकरण बदल दिया था।

राघोपुर की जातिगत संरचना में यादव-मुस्लिम वोटरों का वर्चस्व है, जो लगभग 40% हैं, और यह तेजस्वी यादव का मुख्य समर्थन आधार है। परन्तु, यहाँ 15-20% राजपूत और 25% ईबीसी मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। प्रशांत किशोर की दावेदारी से, जो कि ब्राह्मण समुदाय से हैं, राजपूत और अन्य पिछड़े वर्गों को लुभाने की संभावना बढ़ गई है।

2005 से 2020 तक के चुनाव परिणाम बताते हैं कि राघोपुर में यादव-मुस्लिम वोट बैंक मजबूत रहा है, लेकिन गैर-यादव वोटों का बंटवारा कभी-कभी चुनाव का परिणाम बदल देता है। 2010 में जेडीयू ने लालू परिवार का गढ़ तोड़ा था, और 2015-2020 में तेजस्वी यादव ने लगातार जीत हासिल की है।

प्रशांत किशोर का यह कदम बिहार की जाति आधारित राजनीति को चुनौती देने वाला हो सकता है। उनकी योजना विकास और युवा मुद्दों को मुख्यधारा में लाने की है, जिससे वे नए वोटरों और गैर-परंपरागत वर्गों को आकर्षित कर सकते हैं। यदि वे राघोपुर से लड़ते हैं, तो यह स्थान परंपरागत समीकरणों को तोड़ते हुए नई राजनीति का संकेत देगा।

महागठबंधन के चेहरे के रूप में तेजस्वी यादव को इस नई प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। प्रशांत किशोर की रणनीति जातिगत समीकरणों को तोड़कर विकास व रोजगार पर आधारित वोट बैंक बनाने की है। राघोपुर में जीत-हार का इतिहास इस बात का संकेत है कि गैर-यादव वोटों का बंटवारा और सामाजिक समीकरण चुनाव का नतीजा तय कर सकते हैं।

अगर प्रशांत किशोर राघोपुर से चुनाव लड़ते हैं, तो बिहार की राजनीति में नई शुरुआत हो सकती है, जिससे चुनाव का नैरेटिव जाति-आधारित सत्ताओं से हटकर सामाजिक-आर्थिक मुद्दों की ओर बढ़ सकता है। तेजस्वी यादव के लिए यह एक बड़ी परीक्षा होगी और यह मुकाबला बिहार के आगामी राजनीतिक परिदृश्य को नई दिशा दे सकता है।

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