
Bihar Bandh Live : आज बिहार बंद है! बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ बुधवार को महागठबंधन ने कड़ा विरोध प्रदर्शन करने की पूरी तैयारी कर ली है। इस प्रदर्शनी के तहत महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
पटना में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के सभी बड़े नेताओं ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। वे आयकर गोलचक्कर से शुरू होकर वीरचंद पटेल पथ और शहीद स्मारक होते हुए चुनाव आयोग कार्यालय तक पैदल मार्च करेंगे। इस मार्च का मकसद एसआईआर के विरोध में अपना असंतोष व्यक्त करना है।
इसके अलावा, बिहार के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। विपक्ष का आरोप है कि मतदाता पुनरीक्षण की यह प्रक्रिया गरीब और वंचित वर्ग के वोटरों को मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश है, जो लोकतंत्र के मूल अधिकारों का उल्लंघन है।
महागठबंधन का मानना है कि यह अभियान असंवैधानिक है और इससे चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। इसलिए, उन्होंने इस मुद्दे पर व्यापक प्रदर्शन की योजना बनाई है, जिसमें सड़क जाम और प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी भी शामिल है।
सड़क पर भैंस के साथ शुरू हुआ राजद का बिहार बंद
बिहार बंद के दौरान हाजीपुर मुजफ्फरपुर एन एच पर भगवानपुर के पास भैंस के साथ राजद कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। एन एच पर एक राजद कार्यकर्ता भैंस लेकर चढ़ गया और पुरी तरह से सड़क जाम कर दी।
दो मुद्दों पर चक्का जाम : बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा, “दो मुद्दों पर चक्का जाम किया जा रहा है। इसका समर्थन वे लोग कर रहे हैं जिन्हें लगता है कि उनका वोट का अधिकार छीन लिया जाएगा। जब भी देश पर संकट आया है, राहुल गांधी ने सड़कों पर संघर्ष किया है। आज वोट बंदी लगने की कगार पर है, हम इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं और राहुल गांधी इसके लिए आ रहे हैं…” मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के बयान पर उन्होंने कहा, “…दिल्ली में रहकर फैसला लेने और जमीन पर रहकर फैसला लेने में फर्क होता है। अगर आपको ऐसा करना ही था तो लोकसभा चुनाव से पहले करते…”
बिहार में विपक्ष की जमीन खिसकती जा रही है- जदयू
विपक्ष के द्वारा बिहार बंद पर जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा, “विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य सही दिशा में बढ़ रहा है। 4 करोड़ मतदाताओं के मतदाता प्रपत्र चुनाव आयोग के पास पहुंच गए हैं… विपक्ष को पता है कि बिहार में उनकी ज़मीन खिसकती जा रही है। चुनाव में भारी पराजय की कगार पर खड़े विपक्ष के पास चुनाव आयोग के हर फैसले पर नाराजगी जाहिर करने और लोगों को गुमराह करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।”











