
मंडी : जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तंबाकू मुक्त मंडी के संकल्प को साकार करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। मई महीने तक कोटपा अधिनियम, 2003 (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) के तहत 755 चालान काटे गए और ₹76,400 का जुर्माना वसूला गया। यह जानकारी हाल ही में आयोजित जिला टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक में सामने आई।
100 मीटर के दायरे में बिक्री पर कड़ी कार्रवाई
अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर ने बैठक में कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर विशेष निगरानी रखी जाए। यदि कोई दुकानदार इस क्षेत्र में तंबाकू बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तंबाकू उत्पाद बेचने के लिए दुकानों का पंजीकरण अनिवार्य है। बिना पंजीकरण व्यापार करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तंबाकू मुक्त पंचायत को 5 लाख का पुरस्कार
बैठक में यह घोषणा की गई कि जो ग्राम पंचायतें स्वयं को नशा मुक्त घोषित करती हैं और जांच में मानकों पर खरी उतरती हैं, उन्हें ₹5 लाख का पुरस्कार दिया जाएगा। पंचायत द्वारा आत्म-मूल्यांकन के बाद संबंधित विभाग जांच करते हैं और सफल पंचायत को एक वर्ष के लिए “तंबाकू मुक्त पंचायत” घोषित किया जाता है।
शिक्षण संस्थानों से भी मांगा गया प्रमाण पत्र
अतिरिक्त उपायुक्त ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे 31 मई तक सभी शिक्षण संस्थानों से तंबाकू मुक्त संस्थान का सेल्फ सर्टिफिकेशन प्रमाण पत्र भरवा कर संबंधित चिकित्सा अधिकारियों को भेजें।
जनभागीदारी से ही सफल होगा अभियान
राठौर ने कहा, “तंबाकू मुक्त मंडी का निर्माण केवल एक कानूनी कार्य नहीं, बल्कि यह समाज के स्वास्थ्य और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा से जुड़ा विषय है। इसमें केवल प्रशासन ही नहीं, आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी भी बेहद आवश्यक है।”