कुआं और संभल मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बड़ा खुलासा, योगी सरकार के दावे से लग सकता है मुस्लिम पक्ष को झटका !

लखनऊ । संभल की शाही जामा मस्जिद के पास स्थित प्राचीन कुएं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जो नया खुलासा हुआ है, उससे मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लग सकता है। यूपी सरकार ने दावा किया है कि यह कुआं सार्वजनिक जमीन पर स्थित है और मस्जिद का हिस्सा नहीं है, जैसा कि मुस्लिम पक्ष ने पहले कहा था। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि मस्जिद कमेटी ने गलत तस्वीरें प्रस्तुत करके कोर्ट को भ्रमित करने की कोशिश की है।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस मामले पर रोक लगाई थी, जब मस्जिद कमेटी ने कुंए की खुदाई और उसे मंदिर का हिस्सा बताने के खिलाफ याचिका दायर की थी। मुस्लिम पक्ष का कहना था कि यदि कुंए की खुदाई की जाती है और इसे मंदिर का हिस्सा घोषित किया जाता है, तो वहां पूजा शुरू हो सकती है।

यूपी सरकार ने अपने जवाब में बताया कि यह कुंआ 19 प्राचीन कुंओं में से एक है, जिन्हें जीर्णोद्धार की योजना के तहत सुधारा जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कुएं में पानी नहीं है, और प्रशासन का उद्देश्य इसे रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और जल पुनःचार्ज के लिए उपयोग करना है। सरकार का कहना है कि इस ऐतिहासिक कुंए का जीर्णोद्धार इलाके के सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देगा और पर्यटकों को आकर्षित करेगा।

हिंदू पक्ष भी इस मामले में अपनी स्थिति रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होगा। हिंदू पक्ष के वकील ने पहले बताया था कि 2006 तक हिंदू लोग इस कुएं में पूजा करते थे, लेकिन समय के साथ इलाके में एक समुदाय की संख्या बढ़ने के बाद हिंदू यहां जाना बंद कर चुके थे। वे इस बात को कोर्ट में प्रमाणित करने के लिए सबूत भी पेश करेंगे।

अब इस मामले में मंगलवार को होने वाली सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश करेंगे। यह मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है और इससे संबंधित विवाद राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी संवेदनशील है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें