यूपी पीईटी 2025 में बड़ा खुलासा: 9 मुन्ना भाई पकड़े गए, 3 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने छोड़ा एग्जाम

लखनऊ : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तरफ से आयोजित प्रारंभिक अर्हता (पीईटी-2025) को दोनों पालियों परीक्षा सकुशल संपन्न हो गई है. रविवार को  भी यह परीक्षा होगी. परीक्षा के दौरान पूरे प्रदेश में 9 फर्जी कैंडिडेट्स को पकड़ा गया है, जो दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के लिए आए थे. आयोग के अध्यक्ष एसएन सावत विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पहली पारी में 7 फर्जी और दूसरी पारी में दो फर्जी कैंडिडेट्स को प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर पकड़ा गया है. इन सभी कैंडिडेट्स को डिजिटल वेरिफिकेशन के दौरान फोटो मिलन एडमिट कार्ड और आईडी कार्ड में भिन्नता होने के कारण परीक्षा देने से रोका गया है. अनधिकृत रूप से प्रतिभाग करने वाले सॉल्वर की पहचान के लिए आयोग ने A.I. आधारित फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ़्टवेयर का प्रयोग किया था. जिसके माध्यम से ये फर्जी कैंडिडेट पकड़े गए है.

23.79 फीसदी बच्चों ने परीक्षा छोड़ीः एसएन सावत ने बताया कि शनिवार को प्रदेश के 48 जनपदों के 1,479 परीक्षा केन्द्रों पर दो पालियों में सम्पन्न करायी गयी. इस परीक्षा के लिए प्रति पाली 6,32,999 अभ्यर्थी पंजीकृत थे. प्रथम पाली में 6,32,999 में से 4,80,918 अभ्यर्थी (75.97%) उपस्थित रहे. द्वितीय पाली में 6,32,999 में से 4,83,884 अभ्यर्थी उपस्थित रहे. इस प्रकार दोनों पालियों में कुल पंजीकृत 12,65,998 अभ्यर्थियों में से 9,64,802 अभ्यर्थी (76.21%) उपस्थित रहे. जबकि 3,01,196 अभ्यर्थी (23.79%) ने परीक्षा छोड़ दी. परीक्षा संचालन हेतु आयोग द्वारा 2,958 सेक्टर व स्टैटिक मजिस्ट्रेट, 1,64,615 कार्मिक’ 1,600 वाहन और 35,259 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. साथ ही सतत निगरानी के लिए आयोग मुख्यालय एवं 48 जनपदों के जिला मुख्यालयों पर कमांड व लाइव सीसीटीवी कंट्रोल रूम स्थापित किये गये.

सुबह सख्त जांच के बाद मिला था प्रवेशः शनिवार सुबह 8 बजे से ही अभ्यर्थियों ने प्रवेश के लिए लखनऊ के सेंटरों के बाहर लाइन लगा ली. अभ्यर्थियों की केंद्रों पर सघन तलाशी हुई. परीक्षा केंद्रों पर बुर्के में मुस्लिम अभ्यर्थियों के बुर्के उतरवाए गए. साथ ही महिला अभ्यर्थियों की कान की बाली और गले की चेन आदि उतरवाई गई.

मेटल डिटेक्टर और फेस रिकॉग्निशन से जांच: हर अभ्यर्थी को मेटल डिटेक्टर और फेस रिकॉग्निशन सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीक से चेक किया गया. इसके बाद उनके डॉक्यूमेंट का ऑनलाइन मिलान करने के बाद ही उन्हें एग्जाम सेंटर के अंदर जाने दिया गया. सुबह 9:30 बजे तक एग्जाम सेंटर में अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया. सभी केंद्रों पर आयोग के निर्देश के अनुसार घड़ी में जैसे ही 9:30 बजे केंद्रों के गेट को बंद कर दिया गया. यह परीक्षा 10 से 12 बजे तक हुई. बता दें कि लखनऊ में 91 केंद्रों पर 1,26000 परीक्षार्थी दो दिनों में परीक्षा देंगे.

 3 साल तक मान्य होंगे अंक: प्रारंभिक अर्हता परीक्षा उत्तर प्रदेश के समूह ग्रह की भर्ती के लिए पहली सीढ़ी है. इस परीक्षा के स्कोर के आधार पर ही आगे की नियुक्तियों के लिए आवेदन किया जा सकता है. परीक्षा में यदि किसी अभ्यर्थी को शून्य या नेगेटिव अंक मिलते हैं तो वह क्वालीफाई नहीं माना जाता है. एक अंक के ऊपर पानी वाले सभी अभ्यर्थी क्वालीफाई माने जाते हैं. हालांकि आगे मौका उन्हीं को मिलता हैं जिनके अंक सबसे अधिक होते हैं. इस बार परीक्षा के अंक 3 साल तक मान्य होंगे यानी सफल अभ्यर्थी अगले 3 वर्षों तक आयोग द्वारा निकाले जाने वाले विज्ञापन में अपनी योग्यता अनुसार आवेदन कर सकेंगे.


कंट्रोलरूम बनाए गए: परीक्षा की निष्पक्ष करने के लिए सभी केंद्रों पर कंट्रोल रूम बनाएं गए हैं. इसके अलावा आयोग मुख्यालय में एक केंद्रीय कंट्रोल रूम तैयार किया है. जो पूरी परीक्षा पर नजर रखेगी. आयोग ने दिव्यांग और महिला अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए जिले में ही परीक्षा केंद्र आवंटित किए हैं. जबकि अन्य अभ्यर्थियों को मंडलवार केंद्र दिए गए हैं.


गलतियों को सुधारा गयाः आयोग के अध्यक्ष डॉ साबत ने बताया कि महिला अभ्यर्थियों को अपने जिले में परीक्षा देने की सुविधा दी गई है कुछ महिला अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरते समय गलती से लिंग कैटेगरी में पुरुष विकल्प चुन लिया. इसके चलते उनके परीक्षा केंद्र दूसरे जिले में पड़ गए थे ऐसे करीब 22 महिला अभ्यर्थियों ने आयोग की मेल भेज कर सुधार का अनुरोध किया था. आयोग ने इन मेलों को संज्ञान लेकर गलती में सुधार कर दिया है.


बीते 5 साल में कब-कब कितने अभ्यर्थी शामिल हुएः उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में पहली बार आयोजित हुई प्रारंभिक अर्हता परीक्षा परीक्षा में 20 लाख 72 हजार 100 कैंडिडेट शामिल हुए थे. वही 2022 में अब तक सबसे अधिक 37 लाख 54 000 कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी थी जबकि 2023 में 20 लाख 7000 कैंडिडेट इस परीक्षा में शामिल हुए थे. 2024 में यह परीक्षा नहीं आयोजित की गई थी. इस साल यह परीक्षा आयोजित की जा रही है जिसमें 25 लाख से अधिक कैंडिडेट शामिल हो रहे हैं.


ये चीजें साथ न ले जाएंः परीक्षा देने जा रहे अभ्यर्थी अपने साथ मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, कैलकुलेटर, स्मार्ट वॉच जैसी चीज है लेकर परीक्षा केंद्र पर न जाए. अगर कोई कैंडिडेट इन्हें लेकर जाता है तो इन वस्तुओं को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. अभ्यर्थी अपने साथ केवल ब्लू या ब्लैक पेन लेकर के ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर सकते हैं. इसके अलावा अभ्यर्थियों के पास एडमिट कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो आदि साथ रखना अनिवार्य है.

प्रयागराज व उन्नाव में पहली पाली की परीक्षा शुरू: प्रयागराज में पहली पाली की परीक्षा संपन्न हो गई है. 2 दिनों तक चलने वाली इस परीक्षा के लिए संगम नगरी प्रयागराज में कुल 67 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. जहां पर विभिन्न प्रदेशों से आए 96 हजार 480 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे. परीक्षा केंद्रों पर सख्ती बरती जा रही है. परीक्षा केंद्र पर सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टेटिक मजिस्ट्रेट की भी तैनात किया गया है. कड़ी जांच के बाद ही अभ्यर्थियों को पहली पाली की परीक्षा के लिए प्रवेश दिया गया. वहीं,उन्नाव में 16 केंद्रों पर पहली पाली की परीक्षा हुई. 13,584 अभ्यर्थी इस बार पहली पाली की परीक्षा में भाग लेने पहुंचे थे. जिलाधिकारी गौरंग राठी के मुताबिक कड़ी सुरक्षा में परीक्षा कराई जा रही है.

लखनऊ में प्रथम पाली में 81 और द्वितीय में 82 प्रतिशत अभ्यर्थी रहे उपस्थितः लखनऊ जिलाधिकारी विशाख जी द्वारा संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) बबलू कुमार के साथ जिले के विभिन्न परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने केंद्र व्यवस्थापन, प्रवेश प्रक्रिया, निगरानी व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरों की कार्यशीलता, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, और फर्नीचर जैसी मूलभूत सुविधाओं का गहन अवलोकन किया. इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा कलेक्ट्रेट स्थित कोषागार में परीक्षा सामग्री की डिस्पैचिंग प्रक्रिया का भी देखा. जिलाधिकारी ने बताया कि लखनऊ में कुल 91 परीक्षा केंद्रों पर सकुशल संपन्न कराई गई. परीक्षा के पहले दिन प्रथम पाली में 81 प्रतिशत और द्वितीय पाली में 82 प्रतिशत परीक्षार्थी उपस्थित रहें. सभी केंद्रों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक, पर्यवेक्षक, प्सीसीटीवी निगरानी तथा पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की गई थी. जिला स्तर पर भी एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया, जिससे सभी केंद्रों की लाइव निगरानी की जा सके.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें