आईसीसी क्रिकेट नियमों में बड़ा बदलाव: 2 जुलाई 2025 से लागू होंगे ये नए नियम…

आईसीसी ने 2 जुलाई 2025 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के नियमों में कई अहम बदलाव करने की घोषणा की है। ये नए नियम टेस्ट, वनडे और टी20 – तीनों फॉर्मेट्स पर लागू होंगे। खास बात यह है कि इन बदलावों का उद्देश्य खेल को अधिक निष्पक्ष, तेज़ और पारदर्शी बनाना है। स्टॉप क्लॉक नियम से लेकर कैच, नो-बॉल, डीआरएस और शॉर्ट रन जैसे मामलों को लेकर ICC ने बड़ी सख्ती दिखाई है। आइए, जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से—

1. स्टॉप क्लॉक नियम अब टेस्ट में भी लागू

टी20 और वनडे में पहले ही स्टॉप क्लॉक लागू था, अब इसे टेस्ट क्रिकेट में भी लागू कर दिया गया है।

  • हर ओवर के खत्म होने के एक मिनट के भीतर अगला ओवर शुरू करना अनिवार्य होगा।
  • पहली दो बार देरी पर चेतावनी मिलेगी।
  • इसके बाद हर बार पांच रन की पेनल्टी लगेगी।
  • यह नियम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 के दौरान भी लागू रहेगा।
  • 80 ओवर पूरे होने के बाद चेतावनी की गिनती रीसेट कर दी जाएगी।

2. कैच में भ्रम हुआ तो नो-बॉल मानी जाएगी

अब अगर कोई खिलाड़ी ऐसा कैच पकड़ता है जो स्पष्ट नहीं है और आउट की अपील करता है, लेकिन रिप्ले में वह सही नहीं साबित होता –

  • तो वह गेंद नो-बॉल मानी जाएगी।
  • बल्लेबाज न केवल नॉट आउट रहेगा, बल्कि टीम को अतिरिक्त रन भी मिल सकता है।

3. ओवर थ्रो में देरी पर जुर्माना

अगर फील्डिंग टीम जानबूझकर ओवर थ्रो में देरी करती है –

  • तो उसे हर बार 5 रन की सजा दी जाएगी।
  • यह प्रावधान स्लो ओवर रेट रोकने के लिए लाया गया है।

4. शॉर्ट रन पर सख्त रवैया

अब अगर बल्लेबाज जानबूझकर शॉर्ट रन लेता है –

  • तो अंपायर फील्डिंग टीम से पूछेगा कि अगली गेंद पर कौन बल्लेबाज स्ट्राइक पर रहेगा।
  • साथ ही बल्लेबाजी टीम पर 5 रन की पेनल्टी भी लगेगी।
  • यदि यह रन चोरी जानबूझकर न होकर गलती से हुआ है, फिर भी यह नियम लागू होगा अगर अंपायर को संदेह हो।

5. सलाइवा का उपयोग पकड़ा गया तो गेंद बदलेगी

हालांकि पहले से लार पर प्रतिबंध है, लेकिन अब ICC ने साफ किया है कि –

  • अगर किसी गेंद पर लार के निशान दिखे और उससे गेंद की स्थिति में बदलाव हो,
  • तो अंपायर तुरंत गेंद बदल देंगे।
  • अगर लार का असर नहीं पड़ा हो, तो अंपायर गेंद नहीं बदलेंगे।

6. डीआरएस में बड़ा अपडेट: अब LBW भी देखा जाएगा

  • यदि कोई बल्लेबाज कैच आउट दिया गया है और वह DRS लेता है,
  • और अल्ट्राएज से पता चलता है कि बॉल पैड से टकराई थी,
  • तो कैच तो रद्द होगा, लेकिन अब LBW की भी जांच की जाएगी।
  • अगर बॉल ट्रैकिंग में आउट दिखता है, तो बल्लेबाज आउट माना जाएगा।
  • पहले सिर्फ कैच की जांच होती थी और बाकी पहलुओं को नजरअंदाज किया जाता था।

7. दोहरी अपील पर एक ही बार जांच

अब अगर एक ही गेंद पर दो अपील होती हैं – जैसे रन आउट और LBW –

  • तो पहले उस डिसमिसल की जांच होगी जो पहले हुआ।
  • अगर पहले ही डिसमिसल में बल्लेबाज आउट पाया गया,
  • तो गेंद डेड मानी जाएगी और दूसरी अपील पर कोई सुनवाई नहीं होगी।

8. कैच की निष्पक्षता: तीसरे अंपायर की भूमिका

  • अगर फील्ड अंपायर को कैच को लेकर संदेह है और तीसरा अंपायर नो बॉल भी चेक कर रहा है,
  • तो अब तीसरा अंपायर दोनों ही मामलों में फैसला देगा।
  • अगर कैच वैध साबित होता है, तो बल्लेबाजी टीम को सिर्फ 1 रन मिलेगा।
  • अगर कैच अवैध हो, तो बल्लेबाजों द्वारा लिए गए रन मान्य होंगे।

9. वनडे में नई गेंद का नियम बदला

  • अब वनडे क्रिकेट में 35वें ओवर के बाद से केवल एक ही नई गेंद इस्तेमाल होगी।
  • पहले पारी के दो सिरों से दो नई गेंदें ली जाती थीं।
  • इससे डेथ ओवर्स में गेंदबाजों को अधिक स्विंग और बाउंस मिलेगा।

10. बाउंड्री लाइन पर कैच के नियम सख्त

  • अगर कोई खिलाड़ी बाउंड्री के बाहर से गेंद को छूता है या पकड़ने की कोशिश करता है,
  • तो वह अवैध कैच माना जाएगा।
  • फील्डर अब सिर्फ एक बार गेंद को बाउंड्री के बाहर से अंदर उछाल सकता है।

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